Assam: आम परिषद की अहम बैठक, उल्फा के भविष्य को लेकर की गई बड़ी घोषणा

29 दिसंबर को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में सरकार और उल्फा के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसके बाद 23 जनवरी को उल्फा के भविष्य को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है।

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Assam: प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (ULFA) का 44 साल पुराना सशस्त्र संघर्ष अब समाप्त(44 year old armed conflict now ends) हो गया। आम परिषद की बैठक(General council meeting) के अंत में उल्फा के अस्तित्व को समाप्त करने का निर्णय(Decision to cease to exist) लिया गया।

उल्फा की आम परिषद की आखिरी बैठक
23 जनवरी को उल्फा की आम परिषद की आखिरी बैठक(Last meeting of general council) सिपाझार के नए निर्माण केंद्र में आयोजित की गयी। पिछली बैठक में अनूप चेतिया का भाषण आंसूओं से ओतप्रोत था। उन्होंने कहा कि ‘मैं उस संगठन को भंग करने जा रहा हूं, जिसने मुझे जन्म दिया। इसी महीने संगठन के हथियारों को सरकार को सौंप दिया जाएगा। उल्फा अब एक संगठन नहीं होगा।”

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सरकार और उल्फा के बीच शांति समझौता
दरअसल, गत 29 दिसंबर को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में सरकार और उल्फा के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उल्फा के वार्ता समर्थक धड़े में उल्फा के अध्यक्ष अरविंद राजखोवा समेत सभी बड़े नेता शामिल हैं। हालांकि, उल्फा के स्वयंभू सेनाध्यक्ष परेश बरुवा उल्फा स्वाधीन नाम से अलग धड़ा बनाकर अभी भी सशस्त्र संग्राम छोड़े हुए हैं।

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