Assembly elections: हरियाणा में कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। कुमारी शैलजा के ताजा बयान से यह बात सामने आ गई है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनमें आज भी दूरी बनी हुई है। भले ही राहुल गांधी ने दोनों के हाथ मिलवा दिए हों लेकिन दिलों में एक दूसरे के प्रति नाराजगी बनी हुई है। कुमारी शैलजा ने कहा कि मैं याद करने की कोशिश कर रही हूं कि मेरी हुड्डा जी से आखरी बार बात कब हुई थी?
राहुल गांधी ने मिलवाया हाथ, नहीं मिले दिल
प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भले ही हरियाणा के दो कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा को एक मंच पर लाकर हाथ मिलवा दिया लेकिन दोनों के रिश्ते उतने भी सहज नहीं हैं। कुमारी शैलजा को यह भी याद नहीं है कि उनकी आखरी बार कब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से कब बात हुई थी। जैसा कि आप जानते हैं रकि प्रचार अभियान के अंतिम चरण में एकता का परिचय देते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनकी धुर विरोधी तथा सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा का अंबाला के नारायणगढ़ से हरियाणा विजय संकल्प यात्रा शुरू करने से पहले हाथ मिलाकर बधाई दी थी। नारायणगढ़ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का पैतृक स्थान भी है। राहुल गांधी ने कहा था कि हरियाणा के कांग्रेसी कार्यकर्ता बब्बर शेर हैं और कई बार शेर आपस में लड़ते भी रहते हैं।
हाथ को घात
हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर अभी भी लड़ाई बनी हुई है। एक तरफ कुमारी शैलजा पूरे जोर-जोर से कांग्रेस आलाकमान कमान पर दबाव डाल रही है कि मुख्यमंत्री पद के अतिरिक्त कुछ भी मंजूर नहीं है। दूसरी तरफ रणदीप सिंह सुरजेवाला भी हुड्डा से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में बीजेपी कांग्रेस की आपसी गुटबाजी का फायदा उठा सकती है।