Assembly elections: मलाड में कांग्रेस के असलम शेख और विनोद शेलार में टक्कर, जानिये ग्राउंड रिपोर्ट

महाराष्ट्र विधानसभा के आगामी आम चुनाव के लिए बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी की महायुति ने 99 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर दी है। इस पहली सूची में बांद्रा पश्चिम से आशीष शेलार और मलाड पश्चिम से विनोद शेलार की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है।

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Assembly elections: एक ही परिवार के दो सदस्यों को विधानसभा चुनाव में टिकट न देने की भाजपा की नीति रही है, लेकिन पहली सूची में उसकी नीति का उल्लंघन हुआ है। भाजपा ने पहली सूची में शेलार बंधुओं की उम्मीदवारी की घोषणा की है। भाजपा के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार बांद्रा पश्चिम से मौजूदा विधायक हैं और उनके भाई पूर्व नगरसेवक विनोद शेलार को मलाड से उम्मीदवार घोषित किया गया है। इसलिए यह छूट भले ही पहली सूची में भाजपा के कट्टर पदाधिकारियों को मिल गया हो, लेकिन देखने में आया है कि भाजपा के बाहर से आए लोगों के लिए एक परिवार से एक ही उम्मीदवार रखा गया है।

इन नामों की थी चर्चा
महाराष्ट्र विधानसभा के आगामी आम चुनाव के लिए बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी की महायुति ने 99 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर दी है। इस पहली सूची में बांद्रा पश्चिम से आशीष शेलार और मलाड पश्चिम से विनोद शेलार की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है। मलाड से पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी, बीजेपी पदाधिकारी सुनील कोली और विनोद शेलार के नामों पर चर्चा था, लेकिन अब शेलार की उम्मीदवारी की घोषणा हो चुकी है।

2009 से अब तक की स्थिति
2009 से कांग्रेस के असलम शेख मलाड निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं और 2014 में भाजपा के राम बारोट ने इस निर्वाचन क्षेत्र से असलम शेख के खिलाफ चुनाव लड़ा था। असलम शेख महज 2303 वोटों से जीत गए थे। चूंकि इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की हार हुई थी, इसलिए भाजपा ने 2019 के चुनाव में पूर्व विधायक रमेश सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया। असलम शेख ने यह चुनाव 10 हजार वोटों से जीता। असलम शेख को 79 हजार 494 वोट और रमेश सिंह ठाकुर को 69 हजार 092 वोट मिले थे।

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सुनील कोली निराश
पिछले कुछ सालों से विनोद शेलार और सुनील कोली के जरिए विधानसभा क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए उम्मीदवारी के लिए शेलार और कोली के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। अब तक हुए हर चुनाव में कोली की दिलचस्पी रही है और असल में उम्मीदवारी न मिलने से उन्हें निराशा हाथ लगी है, हालांकि, हर बार सुनील कोली की स्थिति निराशाजनक होती है, वह हर बार पार्टी द्वारा दिए गए उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हैं और उसे जिताने की कोशिश करते हैं।

असलम के लिए राह आसान
शेलार के नामांकन से असलम शेख का सिरदर्द कम हो गया है। उन्हें चुनौती तभी मिल सकती थी, जब गोपाल शेट्टी असलम शेख के सामने होते। इसलिए शेलार के नामांकन से असलम शेख को फुलटॉस देने की चर्चा शहरवासियों के बीच है और सभी की नजर इस पर है कि क्या शेलार की यह फुलटॉस असलम शेख को लगेगा।

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