बाबा… ना ना, अब प्रदेश अध्यक्ष के लिए केदार का नाम

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महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा लंबे समय से चल रही है। अब कहा जा रहा है कि बिहार चुनाव के बाद इस पद पर पार्टी के अनुभवी और किसी सुलझे हुए नेता को नियुक्त किया जाएगा। इससे पहले इस पद के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और वर्तमान विधान सभा अध्यक्ष नाना पाटोले के नाम की चर्चा चरम पर थी, लेकिन अब एक और नाम जुड़ गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी हाई कमान इस पद के लिए दुग्धविकास मंत्री सुनील केदार के नाम पर भी विचार कर रही है।

एक पद तीन दावेदार
महत्वपूर्ण बात यह है कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार है। इसमें शिवसेना और एनसीपी के साथ कांग्रेस भी शामिल है। लेकिन इस सरकार में पृथ्वीराज चव्हाण जैसे वरिष्ठ और अनुभवी पार्टी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया है। इस वजह से वो पार्टी हाई कमान से नाराज बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं और उन्होेंने अपनी इच्छा से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया है। यही नहीं, आक्रामक स्वभाव के लिए मशहूर नाना पाटोले का मन भी विधान सभा अध्यक्ष पद पर नहीं लगने की बात कही जा रही है। उन्होंने भी पार्टी के दिल्ली नेतृत्व से खुद को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का अनुरोध किया है। लेकिन सुनील केदार के नाम बीच में आ जाने से ये दोनों संतप्त बताए जाते हैं। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी हाई कमान ने इस पद के लिए अभी तक किसी के नाम पर  मुहर नहीं लगाई है।

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सुनील केदार का पलड़ा भारी
दरअस्ल  कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 अगस्त को प्रदेश में पार्टी संगठन के पुनरर्चना को लेकर पत्र भेजा गया था। तब पार्टी दो गुट में बंट गई थी। कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक, पृत्वीराज चव्हाण और मिलिंद देवरा ने गांधी परिवार के नेतृत्व पर  सवाल उठाया था। जिसे सुनील केदार ने शर्मनाक बताया था। इस वजह से राहुल गांधी के केदार से खुश होने की बात कही जा रही है। इसी वजह से उन्होंने विधानसभा उपचुनाव के समन्वय की जिम्मेदारी सुनील केदार को सौंपी थी।
कार्याध्यक्षों का क्या होगा?
बालासाहेब थोरात को प्रदेश अध्यक्ष पद बनाते समय पार्टी हाई कमान ने पांच कार्याध्यक्षों की भी नियुक्ति की थी। उनमें से तीन राज्य में मंत्री की कुर्सी संभाल रहे हैं। उनमें ऊर्जा मंत्री नितिन राउत, महिला और बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर और राज्य मंत्री विश्विजीत कदम शामिल हैं। बसवराज पाटील और मुजफ्फर हुसैन को भी कार्याध्यक्ष बनाया गया था। अब सवाल यह है कि क्या प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही कार्याध्यक्ष भी बदले जाएंगे?

 

 

 

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