भारत-नेपाल के दरकते रिश्ते को मजबूत करने के साथ सीमाई जनसमस्याओं के निराकरण के प्रभावी पहल जैसे मुद्दे को ले कर सीमा क्षेत्र के विभिन्न समूहों व प्रबुद्धजनों की एक गोष्ठी रक्सौल शहर के बैंक रोड में आयोजित की गई। जिसमें भारत नेपाल की खुली सीमा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न जन समस्याओं तथा पहलुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। संगोष्ठी में “नेपाल-भारत खुला सीमा संवाद समूह (नेपाल)” के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव झा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के प्राचीन व ऐतिहासिक अनूठे रिश्ते पर पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की बुरी नजर है।इन देशों के स्लीपर सेल के द्धारा ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि भारत नेपाल के अनोखे और प्राचीन रिश्ते दरक जाएं और बॉर्डर पर तार-बाड़ लगा दिये जाएं।ऐसे मे सतर्कता जरूरी है।
उन्होंने जोर देते कहा कि सीमा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के अध्ययन के लिए एक कमिटी गठित होनी चाहिए। जमीनी स्तर पर रिश्ते को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए समय समय बैठक करना जरूरी है। सीमा समन्वय समिति की बैठक के एक हिस्से के रूप में सीमाई जन प्रतिनिधियों,व्यापारियों, समाजिक कार्यकर्ताओं व प्रबुद्धजनों का आपसी संवाद व परिचर्चा जरूरी है।
नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव कुशेश्वर झा ने कहा कि सीमा क्षेत्र के दोनों ओर की सीमाई जनता के रिश्ते सरहद के लिए ”बिना वर्दी के सिपाही”की तरह है। काठमांडू और दिल्ली को इनकी बात सुननी-समझनी चाहिए। इनकी जरूरत के हिसाब से नीति -योजना बनाई जानी चाहिए,ताकि सीमाई लोगो के जीवन स्तर में सुधार और सुरक्षा की भावना मे वृद्धि हो सके।
ड्यूएल सिटीजनशिप जरूरी
संगोष्ठी मे सीमा जागरण मंच के प्रदेश संयोजक महेश अग्रवाल ने कहा कि यूरोपियन यूनियन देशों की तर्ज पर भारत नेपाल की एक करेंसी व एक पासपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था होनी चाहिए। नागरिकता के नाम पर होने वाले भेद-भाव परेशानी को मिटाने के लिए साझा संकल्प के तहत ड्यूएल सिटीजनशिप लागू होनी चाहिए। ताकि,एक दूसरे देश मे व्यापार,आवाजाही बेधड़क हो सके।उन्होने कहा कि मधेशी नेपाली नागरिको के साथ एक साजिश के तहत नागरिकता मे राजनैतिक रूप से भेदभाव किया जा रहा है ताकि तनाव पैदा हो।
व्यापारियों की समस्याओं पर ध्यान देना जरूरी
मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हार्मोनी के केंद्रीय अध्यक्ष प्रो. उमा शंकर प्रसाद व सचिव दीपक कुमार ने कहा कि सीमा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए स्थलीय अध्ययन कर विशेष नीति बनाई जानी चाहिए। क्योंकि,बिहार से लगी भारत नेपाल सीमा क्षेत्र पिछड़ेपन व उपेक्षा की शिकार है।रक्सौल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि सीमा क्षेत्र मे इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के साथ कम्युनिकेशन व ट्रांसपोर्टेशन की बेहतर व्यवस्था का आभाव खटकती है। जगह जगह सुरक्षा जांच के नाम पर वीरगंज-रक्सौल जाने आने वाले ग्राहक बेवजह प्रताड़ित होते हैं,जिससे रक्सौल का व्यापार दिनों दिन गिर रहा है। व्यापारियों की समस्याओं पर ध्यान नही दिया जाता।
नशे का फैलाया जा रहा है जाल
स्वच्छ रक्सौल संस्था के सचिव डॉ मुराद आलम ने कहा कि एक साजिश के तहत पूरे सीमा क्षेत्र नशे का जाल फैला कर युवा पीढ़ी को बर्बाद किया जा रहा है। साथ ही बेरोजगारी यहां बड़ी समस्या है। युवाओं का भटकाव व राष्ट्रविरोधी ताक़तों की सक्रियता यहां विपरीत हालात पैदा कर रही है,जो चिंतनीय है।लेकिन, इससे बड़ा सच यह है कि तस्करी के संगठित धंधा से मुठी भर भ्रष्ट अधिकारियों, राजनीतिज्ञों व सफेदपोशों को आर्थिक लाभ व सीधा फायदा हो रहा है।