Bangladesh: हिंदुओं के साथ धोखा, बांग्लादेश गंवा रहा मौका

यदि दोनों देशों के संबंध मधुर और सामंजस्यपूर्ण हों तो यह क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक समृद्धि, तकनीकी विकास और सतत विकास के नए आयाम खोल सकता है।

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-ओम पराशर

Bangladesh: भारत (India) और बांग्लादेश (Bangladesh) का रिश्ता इतिहास, भूगोल और संस्कृति की गहराई से जुड़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच चार हजार किलोमीटर से अधिक की सीमा साझी है, जो आपसी सहयोग के असीमित अवसरों को जन्म देती है।

यदि दोनों देशों के संबंध मधुर और सामंजस्यपूर्ण हों तो यह क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक समृद्धि, तकनीकी विकास और सतत विकास के नए आयाम खोल सकता है।

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पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापार का अवसर
भारत के पास तकनीकी और कच्चे माल का विशाल स्रोत है, जो बांग्लादेश के वस्त्र और परिधान उद्योग को मजबूती दे सकता है। दोनों देश संयुक्त उपक्रम के माध्यम से वैश्विक बाजारों में बेहतर पहुंच बना सकते हैं। भारत की कंपनियां बांग्लादेश के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में निवेश कर औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में योगदान दे सकती हैं। वहीं, बांग्लादेशी कंपनियां भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश कर व्यापार और विकास को बढ़ावा दे सकती हैं।

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कनेक्टिविटी को उन्नत करना जरुरी
संपर्क और परिवहन क्षेत्र में सहयोगसीमाओं के पार संपर्क बढ़ाने के लिए सड़क और रेलवे कनेक्टिविटी को उन्नत करना बेहद जरूरी है। ऐतिहासिक रेलवे कनेक्टिविटी को पुनर्जीवित कर बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते को लागू किया जा सकता है। बांग्लादेश के चटगांव और मोंगला बंदरगाह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए प्रवेश द्वार बन सकते हैं, जिससे व्यापार में तेजी और लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।

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ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने का अवसर
ऊर्जा सहयोग और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों देश सीमा-पार बिजली व्यापार और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के जरिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। साथ ही, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों जैसे समुद्र का बढ़ता स्तर और बाढ़ से निपटने के लिए मिलकर रणनीतियां बनाई जा सकती हैं।

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नदियों का प्रबंधन संभव
कृषि और नदी प्रबंधन में साझेदारी सतत कृषि के लिए जलवायु-रिसायलेंट फसलों और जल-संवेदनशील खेती पर अनुसंधान और ज्ञान साझा किया जा सकता है। साथ ही, सीमा-पार नदियों के प्रबंधन के लिए सहयोगात्मक समझौते, जैसे तीस्ता जल बंटवारा, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

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आईटी क्षेत्र में अवसर
शैक्षिक और तकनीकी विकासशिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान, संयुक्त शोध और छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं। भारत के आईटी क्षेत्र की मजबूती बांग्लादेश की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक का काम कर सकती है।

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सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों में मजबूती
स्वास्थ्य और सांस्कृतिक सहयोगटेलीमेडिसिन जैसी स्वास्थ्य सेवाओं को साझा कर दोनों देश गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ा सकते हैं। वहीं, सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को मजबूत करने के लिए विरासत सर्किट, कला प्रदर्शनी, और संगीत कार्यक्रम जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

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खेल और पर्यटन क्षेत्र में अवसर
खेल और पर्यटन को बढ़ावाक्रिकेट और अन्य खेल दोनों देशों के नागरिकों को नजदीक लाने का माध्यम बन सकते हैं। वीजा प्रक्रिया को सरल बनाकर और पर्यटन परियोजनाओं को बढ़ावा देकर यात्रा और पर्यटन क्षेत्र को मजबूत किया जा सकता है।

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दक्षिण एशिया की स्थिरता में मदद
वैश्विक मंच पर संयुक्त नेतृत्वभारत और बांग्लादेश का साझा नेतृत्व क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर गरीबी, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकता है। दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि के लिए यह साझेदारी एक आदर्श प्रस्तुत कर सकती है।

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उज्जवल भविष्य का निर्माण संभव
भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग और विश्वास को मजबूत करके एक उज्जवल भविष्य का निर्माण संभव है। साझा संसाधनों और क्षमताओं का बेहतर उपयोग क्षेत्रीय विकास और स्थिरता के नए अध्याय लिख सकता है।

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