Bangladeshi infiltrators:महाराष्ट्र में 90 लाख से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं, तो बांग्लादेश जैसे हालात महाराष्ट्र में भी हो सकते हैं, लेकिन यह हिंदुओं के लिए उठने का आखिरी मौका है। क्योंकि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए अकेले मुंबई में हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों ने फल-सब्जी, कपड़ा उद्योग जैसे कई उद्योगों पर कब्जा कर लिया है। ये बांग्लादेशी नपुंसकता की दवा फल और सब्जियों में डाल रहे हैं।
किया चौंकाने वाला खुलासा
रणजीत सावरकर ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि हिंदुओं की आबादी कम हो रही है। इन सबके चलते बांग्लादेशी घुसपैठियों की आर्थिक बहिष्कार जरुरी है, नहीं तो बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को खाना खिलाने का पाप हमारे सिर लगेगा। उस स्थिति में, बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकना असंभव होगा, ऐसा स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने कहा। वह स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
बांग्लादेश वर्तमान स्थिति और भविष्य पर व्याख्यान का आयोजन
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक और राष्ट्रीय सुरक्षा सतर्कता मंच के सहयोग से स्मारक के मादाम कामा सभागार में ‘बांग्लादेश वर्तमान स्थिति और भविष्य’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में वीरमाता अनुराधा गोरे, स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, स्मारक की कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे और कार्यवाहक राजेंद्र वराडकर उपस्थित थे।
गलत इतिहास पढ़ाए जाने का आरोप
इस समय रणजीत सावरकर ने कहा कि हिंदुओं को अक्सर मानसिक रूप से हतोत्साहित किया जाता है, भारतीयों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि हमारा इतिहास हारे हुए लोगों का इतिहास है। लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। क्योंकि स्कूली पाठ्यक्रम में भारतीयों को जो इतिहास पढ़ाया जाता है, वह गलत है। आज बांग्लादेशी घुसपैठिये नामक शत्रु पर दया दिखाने की जरूरत नहीं है, हिंदुओं को उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर बनाने के लिए आर्थिक हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि अगर महाराष्ट्र हिंदुओं के हाथ में चला गया तो क्या होगा, इसकी कल्पना न करना ही कंपा देता है।
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खतरे की घंटी
रणजीत सावरकर ने कहा कि कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद गृह मंत्री बने और पांच लाख हिंदुओं को वहां से भागना पड़ा। इसलिए बांग्लादेशी घुसपैठियों का राज्य में दखल हमारे लिए खतरे की घंटी है। इसलिए जाति को भूल जाओ और आर्थिक बहिष्कार के एकमात्र उद्देश्य के साथ हिंदुओं के रूप में एकजुट हो जाओ। क्योंकि अगर हम आज नहीं जागे तो पुरुषों के सिर उनके शरीर से अलग कर दिये जायेंगे और हम उस समय महिलाओं पर होने वाले अनगिनत अत्याचारों के जिम्मेदार होंगे।