Nirmala Sitharaman: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने, निवेशकों, ग्राहकों और उपभोक्ता की सुविधा तथा सुरक्षा को बढ़ाने संबंधी बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को लोकसभा ने 3 दिसंबर को पारित कर दिया। वहीं इस विधयेक के खिलाफ विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही को 4 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि आज बैंकों को पेशेवर तरीके से चलाया जा रहा है। मेट्रिक्स स्वस्थ हैं, इसलिए वे बाजार में जा सकते हैं और बॉन्ड जुटा सकते हैं, ऋण जुटा सकते हैं तथा उसी के अनुसार अपना व्यवसाय चला सकते हैं। उन्होंने बताया कि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक लाभ में आ रहे हैं।
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने विधयेक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की कुल बैंक शाखाओं की संख्या एक वर्ष में 3792 बढ़कर सितंबर 2024 में 1,65,501 तक पहुंच गई है। इसमें से 85,116 शाखाएं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हैं। सीतारमण ने सदन को बताया कि पीएम मुद्रा लोन योजना का 68 फीसदी लाभ महिलाओं को मिला है। उन्होंने कहा कि 2014 से हम बेहद सतर्क रहे हैं, ताकि बैंक स्थिर रहें।
उन्हाेंने सदन को बताया कि हमारा उद्देश्य हमारे बैंकों को सुरक्षित, स्थिर और स्वस्थ रखना है, 10 साल बाद आप इसका परिणाम देख रहे हैं।
अपने बैंकिंग क्षेत्र पर गर्व
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को अपने बैंकिंग क्षेत्र पर गर्व होना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पेशेवर रूप से संचालित हो रहे हैं और सरकारी वित्तपोषण पर निर्भर नहीं हैं। उन्हाेंने कहा कि भारतीय बैंक आज स्थिर, अच्छी हालत में हैं और अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि 65 करोड़ बेसिक बैंक सेविंग्स अकाउंट होल्डर या 54 करोड़ जन-धन अकाउंट होल्डर में से किसी से भी मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माना नहीं लिया गया है।
पहले की कार्यवाही
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश किया। उन्हाेंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इसमें बैंक खाताधारक को अपने खाते में अधिकतम 4 नामांकित व्यक्ति रखने की अनुमति देने का प्रस्ताव है।
सीतारमण ने सदन को बताया कि प्रस्तावित बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पास होने से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासन मजबूत होगा। इससे नामांकन और निवेशकों की सुरक्षा के संबंध में उपभोक्ता और ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी।
वित्त मंत्री ने विधयेक पेश करते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम-1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम-1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम-1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में बदलाव लाने के लिए कुल 19 संशोधन प्रस्तावित किए जा रहे हैं।
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उल्लेखनीय है कि इस विधेयक में दावा न किए गए लाभांश, शेयर और ब्याज या बांड के मोचन को निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष में स्थानांतरित करने का भी प्रावधान है, जिससे व्यक्तियों को इस कोष से स्थानांतरण या रिफंड का दावा करने की अनुमति मिलेगी। इससे निवेशकों के हितों की रक्षा होगी। इसके अलावा बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पास होने से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासन मजबूत होगा। इससे नामांकन और निवेशकों की सुरक्षा के संबंध में उपभोक्ता और ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी।
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