यूपी में चुनाव से पहले भाजपा ने ऐसे दिया कांग्रेस-बसपा को जोर का झटका!

24 नवंबर को कांग्रेस और बसपा के एक-एक विधायक ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। इससे चुनाव से पहले इन दोनों पार्टियों को करारा झटका लगा है।

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उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को जोर का झटका लगा है। कांग्रेस और बसपा के एक-एक विधायक ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। इनमें कांग्रेस की अदिति सिंह और बसपा की वंदना सिंह के अलावा राकेश प्रताप सिंह भी शामिल हैं।

प्रदेश में रायबरेली और आजमगढ़ सीट भाजपा के लिए बड़ी चुनौती रही है। लेकिन इस बार माहौल बदला हुआ दिख रहा है।

भाजपा को मिल सकती है बड़ी सफलता
रायबरेली सीट से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह और आजमगढ़ की सगड़ी सीट से बसपा विधायक वंदना सिंह के भाजपा में शामिल होने से स्थिति बदलती हुई दिख रही है। इनके आलावा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली है। वे सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतरने वाले दिनेश प्रताप सिंह के अनुज हैं। भाजपा के लिए इन तीन विधायकों के पार्टी में शामिल होना बड़ी सफलता है और भविष्य में उन सीटों पर भी उसका परचम लहरा सकता है, जिन पर अब तक मायूसी हाथ लगती रही है।

अभी तक की स्थिति
2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को रायबरेली और आजमगढ़ की दोनों सीटों पर हार मिली थी आजमगढ़ से 2014 में मुलायम सिंह यादव और 2019 में अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी। रायबरेली से दोनों बार कांग्रेस की सोनिया गांधी ने जीत हासिल की। 2017 में भाजपा लहर होने के बावजूद आजमगढ़ में पार्टी को 10 में से 9 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। यहां पांच सीटों पर सपा और चार सीटों पर बसपा की जीत हुई थी। इनमें से एक सीट सगड़ी से वंदना सिंह ने जीत हासिल की थी।

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कौन हैं अदिति सिंह?
अदिति सिंह कांग्रेस विधायक होते हुए भी पिछले करीब डेढ़ साल से पार्टी पर निशाना साधती रही हैं। पिछले कुछ दिनों से वे पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के खिलाफ लगातार बयान दे रही हैं। लखीमपुर खीरी कांड के साथ ही कृषि कानूनों को लेकर भी उन्होंने प्रियंका गांधी की खुलकर आलोचना की थी। उन्होंने उन पर हर मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया था। उनके बगावती तेवर के कारण कांग्रेस ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अर्जी दी थी। इसके साथ ही अदिति सिंह कई बार भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी करीबी दिखा चुकी हैं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ को अपना गुरु बताया था।

पिता की विरासत को बरकरार रखना चाहती हैं अदिति सिंह
अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह रायबरेली के सदर सीट से निर्दीलय विधायक थे। ने लगातार गांधी परिवार को चुनौती देते रहे। लेकिन तबीयत खराब होने पर उन्होंने अपनी बेटी अदिति को 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़वाया और विधायक बनवाया। इसके बावजूद रायबरेली सदर सीट कभी भी कांग्रेस की नहीं मानी गई। फिलहाल अदिति सिंह अपने पिता की विरासत को बरकरार रखना चाहती हैं।

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