बंगाल विधानसभा : महिलाओं से बर्बरता पर चर्चा से इंकार , भाजपा ने किया वाकआउट

हमें पश्चिम बंगाल में महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में बोलने की अनुमति नहीं है। हमें विधानसभा के अंदर चर्चा करने की इजाजत नहीं दी गई। हम मुख्यमंत्री की निंदा करते हैं जो एक महिला होने के बावजूद पश्चिम बंगाल की महिलाओं की रक्षा नहीं कर सकतीं।

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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद से लेकर अब तक राज्य के कई हिस्सों में महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटने और अन्य बर्बरता की घटनाओं को लेकर विधानसभा में चर्चा से इनकार कर दिया गया है। बुधवार को भाजपा की ओर से दिए गए चर्चा के प्रस्ताव को अध्यक्ष विमान बनर्जी ने स्वीकार नहीं किया जिसके बाद पार्टी के विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया है।

बुधवार को विधानसभा सत्र की शुरुआत में आसनसोल दक्षिण से भाजपा की विधायक अग्निमित्रा पाल ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए एक प्रस्ताव लाया लेकिन स्पीकर विमान बनर्जी ने प्रस्ताव लाने की इजाजत नहीं दी। इसलिए भाजपा विधायक दल के सदस्यों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। बाद में भाजपा विधायकों ने सत्र कक्ष के बाहर राज्य सरकार और स्पीकर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अग्निमित्रा ने कहा, “हमें पश्चिम बंगाल में महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में बोलने की अनुमति नहीं है। हमें विधानसभा के अंदर चर्चा करने की इजाजत नहीं दी गई। हम मुख्यमंत्री की निंदा करते हैं जो एक महिला होने के बावजूद पश्चिम बंगाल की महिलाओं की रक्षा नहीं कर सकतीं।”

अगले सोमवार को अशांत मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटना की निंदा करने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव लाया जा रहा है। प्रस्ताव को लेकर भाजपा विधायक अग्निमित्रा ने कहा, ”अगर मणिपुर को लेकर कोई प्रस्ताव लाया जाता है तो यह स्वागत योग्य है लेकिन सतगछिया में 65 साल की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। रैना में आज एक महिला की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई। कूचबिहार में एक स्कूली छात्रा के साथ दो दिनों तक दुष्कर्म किया गया। मालदा के बारे में आप जानते ही हैं। वहां दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटा गया। उसी तरह की घटना एक दिन पहले सिलीगुड़ी में हुई है। इन तमाम घटनाओं पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए।”

तृणमूल विधायक इदरीस अली ने कहा, ”भाजपा हम पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है क्योंकि वह देश की जनता को मणिपुर के बारे में जवाब नहीं दे पा रही है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में अपनी हार जानते हुए भी वे ऐसे मनगढ़ंत आरोप लगाकर अपना चेहरा बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”

दूसरी ओर, इंडियन सेक्युलर फ्रंट के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी ने विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय को एक प्रस्ताव सौंपकर उनके विधानसभा क्षेत्र भांगड़ में शांति बहाल करने के लिए विधानसभा में चर्चा की मांग की है।

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