शिवसेना अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल पद का सम्मान करना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के मुंबई के संबंध में दिए गए वक्तव्य को देश में हिंदुओं को विभाजित करने वाला बताते हुए उनसे इसके लिए माफी मांगने की मांग की है।
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को राज्य की जनता को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि पिछले तीन साल में उनके बयान और कैमरे में कैद हुए उनके कुछ दृश्यों को देखने के बाद यह सवाल खड़ा हुआ है कि ऐसे लोग महाराष्ट्र के नसीब में क्यों आते हैं। उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा है कि राज्यपाल के पीछे कौन राजनीति कर रहा है, यह जल्द ही सामने आ जाएगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार की भाषा बोल रहे हैं, केंद्र को देश की आर्थिक राजधानी पर कब्जा करना है । आगामी चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण के लिए राज्यपाल जैसे पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह का महाराष्ट्र द्रोही वक्तव्य देता है, उसे तत्काल महाराष्ट्र से हटा देना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि “जब मैं मुख्यमंत्री था, लोग लॉकडाउन के दौरान अपनी जान गंवा रहे थे। तब राज्यपाल को सभी धर्मों के पूजा स्थलों को खोलने की जल्दी थी। मैंने इस विषय को नजरअंदाज करते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा था। इसी तरह राज्यपाल ने सावित्रीबाई फुले के बारे में व्यंग्यात्मक टिप्पणी की थी। महाराष्ट्र में रहते हुए राज्यपाल ने फिर महाराष्ट्र में रहने वाले मराठी लोगों का अपमान किया है।
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उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर गुजरात, मारवाड़ी मुंबई से हट जाएं तो यहां पैसे ही नहीं रहेंगे। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी नहीं रह जाएगी। राज्यपाल के इस वक्तव्य पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई महाराष्ट्र को ऐसे ही नहीं मिली है। मुंबई 106 लोगों की शहादत के बाद मिली है और मुंबई के विकास में मराठी भाषी सहित सभी का योगदान है।
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