बिहार में जेडीयू से अलग होने के बाद भारतीय जनता पार्टी अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है। इसके साथ ही वह लगातार जेडीयू को झटका दे रही है। अब उसने जेडीयू को तीसरा झटका दिया है। दादरा- नगर हवेली और दमन दीव में 12 जेडीयू नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं।
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी जेडीयू को कई करारा झटका देते हुए कई नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में स्थानीय निकायों के कई सदस्यों ने जेडीयू को त्याग कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा के महासचिव तरुण चुघ ने दावा किया है कि 16 जेडीयू नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही जेडीयू की पूरी यूनिट का भाजपा में विलय गया है।
नीतीश कुमार कर रहे हैं विपक्षी एकता की बात और..
वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि बिहार को छोड़कर किसी अन्य राज्य में जेडीयू मजबूती से चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है। मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में जो एक-दो विधायक थे, वे भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।
आश्चर्य है कि एक तरफ जेडीयू के दिग्गज नेता और बिहार के मुख्यमंत्री की नजर 2024 पर लगी है और वे विपक्षी एकता की वकालत जोर-शोर से कर रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी के नेता उन्हें बाय-बाय कर भाजपा को मजबूत करने में जुटे हैं।
मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में खतरे में जेडीयू का अस्तित्व
बता दें कि मणिपुर में जेडीयू के 6 में से 5 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद जेडीयू ने भाजपा पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था। पार्टी नेता ने अमित शाह और नरेंद्र मोदी पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया था। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भी आठ विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।