ऐसी है बीजेपी की ऑपरेशन टीएमसी टीम!

बीजेपी के मिशन बंगाल की स्पेशल टीम में संजीव बालियान, गजेंद्र शेखावत, अर्जुन मुंडा, मनसुख मंडाविया, केशव मौर्य, प्रधान सिंह पटेल और नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं। ये सभी नेता अपने-अपने स्तर पर बीजेपी को मजबूत करेंगे और ममता बनर्जी की कमजोरियों का पता लगाकर उनकी हार और अपनी पार्टी की जीत के लिए जमीन तैयार करेंगे।

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बिहार विधानसभा चुनाव और हैदराबाद, राजस्थान तथा गोवा के निकाय चुनावों में विजय ध्वज फहराने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने अपनी निगाहें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर गड़ा दी है। पार्टी किसी भी हालत में इस प्रदेश पर कब्जा जमाने की कवायद में जुट गई हैं। इसके लिए जहां वह जमीनी स्तर के पार्टी नेताओं की हौसला अफजाई करने में जुटी है, वहीं पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नाराज चल रहे तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर डोरे भी डाल रही है, वहीं उसने अपनी पार्टी के नेताओं को भी इस जीत के लिए कमर कसकर तैयार रहने को कह दिया है।

ऑपरेशन के लिए बीजेपी की स्पेशल-7 टीम तैयार
ममता बनर्जी को धूल चटाने के लिए पार्टी ने स्पेशल-7 टीम तैयार की है। लोकसभा के 42 सीटों में फतह की जिम्मेदारी इन सात नेताओं को सौंपी जाएगी। प्रत्येक नेता के जिम्मे 6 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बीजेपी के मिशन बंगाल की स्पेशल टीम में संजीव बालियान, गजेंद्र शेखावत, अर्जुन मुंडा, मनसुख मंडाविया, केशव मौर्य, प्रधान सिंह पटेल और नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं। ये सभी नेता अपने-अपने स्तर पर बीजेपी को मजबूत करेंगे और ममता बनर्जी की कमजोरियों का पता लगाकर उनकी हार और अपनी पार्टी की जीत के लिए जमीन तैयार करेंगे।

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शाह की बैठक में बनेगी रणनीति
प. बंगाल में इन नेताओं की इंट्री 18 दिसंबर से होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 19-20 दिसंबर को दो दिवसीय यात्रा पर पश्चिम बंगाल पहुंच रहे हैं। इस दौरन ने वे इन नेताओं के साथ बैठक करेंगे। मिदनापुर से लौटने के बाद 19 दिसंबर की शाम को कोलकाता में इनकी बैठक होगी। इस बैठक में पार्टी की आगे की रणनीति तय की जाएगी।

बढ़ रही हैं दीदी की मुश्किलें
इस बीच ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। हाल ही में दीदी की पार्टी टीएमसी को छोड़ चुके प. बंगाल के दबंग नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी अभी से बीजेपी के लिए काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक पार्टी में अधिकृत रुप से उनकी इंट्री नहीं हुई है। लेकिन उनका बीजेपी में जाना निश्चित है। दीदी के खिलाफ स्टैंड लेकर पार्टी से इस्तीफा देने और उनके ऑफिस का भगवा रंग में रंगे जाने से यह बात स्पष्ट हो गई है। इसके साथ ही केंद्र की ओर से उन्हें जेड कैटेगरी सुरक्षा देकर भी बीजेपी ने यह साफ कर दिया है।

शुभेंदु अधिकारी क्या ममता पर पड़ेंगे भारी?
शुभेंदु अधिकारी ने तेजी से दीदी के किले में सेंध लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने पार्टी के मंत्री पद और विधायकी से इस्तीफा देने के फौरन बाद दीदी से नाराज चल रहे टीएमसी नेताओं को बीजेपी में लाने की कवायद शुरू कर दी है। फिलहाल उन्होंने सांसद सुनील मंडल और आसनसोल नगर निगम के प्रमुख जितेंद्र तिवारी समेत पार्टी के अन्य असंतुष्ट नेताओं से बंद कमरे में बैठक की। समझा जा रहा है कि ममता के पैरों तले से जमीन खिसकाने में शुभेंदु अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी के कम से कम एक दर्जन छोटे-बड़े नेता उनके संपर्क में हैं और वे सही समय पर दीदी को बाय-बाय कर बीजेपी के खेमे में शामिल हो जाएंगे। इनमें राजीव बनर्जी और अतीत घोष आदि टीएमसी नेता शामिल हैं।

ये भी हैं नाराज
मिहिर गोस्वामी, शीलभद्र दत्ता, नियामत शेख, जाटू लाहिड़ी ने पार्टी के कामकाज के प्रति असंतोष जता चुके हैं। इनमें से गोस्वामी पिछले महीने बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।

दीदी से क्यों नाराज हैं पार्टी नेता
बताया जा रहा है कि सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पार्टी के चरित्र को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।  बताया जाता है कि ये दोनों पार्टी को कॉर्पोोरेट स्टाइल में चलाने की कोशिश कर रहे है। इस वजह से पार्टी से जमीनी स्तर पर जुड़े नेता असहज महसू कर रहे हैं और वे पार्टी से नाराज हैं।

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कल के टीएमसी नेता आज बीजेपी के आधार स्तंभ
बीजेपी का वर्तमान नेतृत्व कई टीएमसी नेताओं से बना है। उनमें मुकुल रॉय, सौमित्र खान,अर्जुन सिंह, निशिथ प्रामाणिक, अनुपमा हाजरा, सब्यसाची दत्ता और दुलारा बार आदि शामिल हैं।

नड्डा के काफिले पर पत्थराव
कोलकाता से 65 किलोमीटर दूर 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में बीजेपी के राष्ट्रयी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पथराव किया गया था। डायमंड हार्बर के शिराकोल मोड़ से नड्डा के काफिले की गाडियां गुजर रही थीं। उस समय सड़क के दोनों किनारे बीजेपी के समर्थकों की भीड़ खड़ी थी। जबकि टीएमसी के कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लिए खड़े थे। काफिले के गुजरने के दौरान एक बडा पत्थर नड्डा की गाड़ी को लगा था। नड्डा की गाड़ी बुलेटप्रूफ होने के कारण वे बच गए थे। लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय घायल हो गए थे। कहा जाता है कि पत्थरबाजी के दैरान निाशाने पर नड्डा थे। इस पथराव के बाद निश्चित रुप से ममता सरकार की छवि खराब हुई है और इसका नुकसान पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनाव में निश्चित रुप से उठाना पड़ेगा।

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