हिंदुओं की आस्थाओं पर लतागार चोट करनेवाले शर्जील उस्मानी के विरुद्ध एक और प्रकरण दर्ज हो गया है। यह प्रकरण भाजपा के नेता ने दिल्ली के लक्ष्मी नगर थाने में पंजीकृत कराया है। शर्जील पर इसके पूर्व भी कई प्रकरण दर्ज होते रहे हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शर्जील उस्मानी द्वारा लगातार हिंदुओं, उनकी संस्कृति और आस्थाओं पर चोट करने का कार्य किया जा रहा है। पुणे में 30 जनवरी 2021 को संपन्न यल्गार परिषद की बैठक में हिंदुओं के विरुद्ध भी शर्जील उस्मानी पर भारतीय दंड विधान की धारा 153(ए) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हुआ था। लेकिन कानून और प्रशासन को धत्ता बताते हुए शर्जील उस्मानी हिंदू जाति और देवी देवताओं के विरुद्ध बयानबाजी और सोशियल मीडिया संदेश प्रसारित कर रहा है।
ये भी पढ़ें – …बेइज्जती सहो कि सरकार ‘त्रिशंकू’ है!
यल्गार परिषद के मंच पर विवादित चेहरे और वक्ता आमंत्रित किये जाते रहे हैं। पुणे में हिंदुओं के
हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले देशद्रोही अराजक @SharjeelUsmani के ख़िलाफ़ @DelhiPolice ने मेरी शिकायत पर मामला दर्ज किया है इसके लिए @DCPEastDelhi का आभार। लेकिन दिल्ली पुलिस को वो सभी धाराओं को जोडना चाहिए जो क़ानूनी तौर पर बनती हैं ताकि ये पापी जेल से बाहर ही ना आ सके।@ANI pic.twitter.com/vG9fQyGy7b
— Naveen Kr Jindal 🇮🇳 (@naveenjindalbjp) May 22, 2021
इस बार शर्जील ने फिर हिंदुओं के नारे को युद्ध का विलाप कहकर जहर उगला है। इसमें इस जयघोष को युद्ध के विलाप की संज्ञा दी गई है। इस पर एक इस्लामी मीडिया हाऊस की रिपोर्ट को भी पोस्ट किया गया है। जो 6 दिसंबर, 1992 की घटना का उल्लेख करता है।
ये भी पढ़ें – ये साजिश तो नहीं? चीनी वायरस को बता दिया था ‘इंडियन वेरिएंट’ अब हुई बड़ी कार्रवाई
संशोधित नागरिकता कानून में बन गया चेहरा
शर्जील उस्मानी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। वह बाबरी विध्वंस पर इसके पहले भी विवादित बयान सोशियल मीडिया पर देता रहा है। 2019 में उसने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की बाबरी विध्वंस काल से जुड़ी एक फोटो साझा की थी। इसके बाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में उसने खूब कांटे बोए थे। इसके बाद से वह एक विशेष वर्ग का हीरो बन गया है।
Join Our WhatsApp Community