भारतीय जनता पार्टी अपने निलंबित विधायकों के मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय जाने की तैयारी में है। इसकी जानकारी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दी है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि न्यायालय से उन्हें न्याय मिलेगा।
वर्षाकालीन सत्र के पहले दिन ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक विधान सभा में आक्रोशित नजर आए। इसके बाद तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव द्वारा बोलने न दिये जाने के मुद्दे पर माइक खींचने का प्रयत्न किया गया था। इस मुद्दे पर हंगामे के बीच जब सदन की कार्यवाही स्थगित की गई तो विधान सभा अध्यक्ष के कक्ष में भाजपा विधायक पहुंचे थे। यहां पर तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव और भाजपा के 12 विधायकों के बीच गरमा गरम बहस हो गई। आरोप है कि इसमें अपशब्दों का भी उपयोग किया गया। इसके बाद 12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। निलंबन की कार्रवाई के प्रकरण को भाजपा राज्यपाल के पास ले गई थी और अब इसे न्यायालय में ले जाने की तैयारी में है।
राज्यपाल से भी मिले थे विधायक
जिन 12 विधायकों को निलंबित किया गया है उन्होंने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से भी भेंट की है। वहां एक पत्र भी राज्यपाल को दिया गया था। यह भेंट 5 जुलाई 2021 के दिन ही हुई थी, जिस दिन दोपहर में निलंबन का निर्णय आया था। भाजपा के निलंबित विधायकों ने पत्र देकर राज्यपाल से निवेदन किया है कि वे इस प्रकरण में राज्य सरकार से जानकारी मांगे।
उच्च न्यायालय से आस
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने घोषणा की है कि विधान सभा से निलंबित किये गए 12 विधायकों के मुद्दे को वे उच्च न्यायालय में लेकर जाएंगे। भाजपा को विश्वास है कि इस मुद्दे पर न्यायालय से उन्हें न्याय मिलेगा।