शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की असंतुष्ट होकर अलग होने के बाद उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे काफी सक्रिय हो गए हैं। वे पार्टी को एकजुट रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। वे युद्ध स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों, पार्षदों और विधायकों के संपर्क में रहने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लगता नहीं है कि वे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में सफल हो रहे हैं। इसके उदाहरण हर दिन देखने को मिल रहे हैं। इसी क्रम में अब कल्याण-डोंबिवली के 55 से अधिक नगरसेवक शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं।
ठाणे, नवी मुंबई के बाद, अब कल्याण डोंबिवली के नगरसेवकों ने शिंदे गुट को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। वहीं, खबर है कि महापौर राजेश मोरे भी शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। राज्य में निकाय चुनाव में कुछ ही महीने बाकी हैं, ऐसे में शिवसेना छोड़ने वाले विधायकों, पार्षदों और पदाधिकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पार्टी के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
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