चुनावी बॉन्ड को लेकर बड़ी खबर : पिछले 6 साल में 15 हजार करोड़ का दान, 99.77 फीसदी पूंजीपतियों का योगदान

एक आरटीआई के माध्यम से जो आंकडे सामने आए हैं उससे साफ पता चलता है कि देश के बड़े उद्योगपति ही अधिक मात्रा में राजनीतिक दलों को चंदा देते हैं।

1340

चुनावी बॉन्ड को लेकर एक बड़ा सच सामने आया है। एक आरटीआई के माध्यम से जो आंकडे सामने आए हैं उससे साफ पता चलता है कि देश के बड़े उद्योगपति ही अधिक मात्रा में राजनीतिक दलों को चंदा देते हैं। पिछले 6 वर्षों में जारी किए गए 26,024 चुनावी बॉन्ड में से 99.77% अमीरों द्वारा खरीदे गए हैं। पिछले 6 वर्षों के दौरान 1000/- रुपये के 156 चुनावी बॉन्ड , 10,000/- रुपये के 263 चुनावी बॉन्ड और 1,00,000/- रुपये के 3390 चुनावी बॉन्ड मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा खरीदे गए हैं। जबकि 10 लाख रुपये के 8121 चुनावी बॉन्ड और एक करोड़ रुपये के 14094 चुनावी बॉन्ड देश के बड़े पूंजीपतियों लोगों द्वारा खरीदे गये हैं।

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा गुजरात के सूरत के आरटीआई कार्यकर्ता संजय इझावा को दी गई जानकारी में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। हालांकि किस राजनीतिक दल को कितना हिस्सा मिला है, इसके बारे में एसबीआई की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8(1)(ई) के तहत, एसबीआई द्वारा राजनीतिक दल के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। और चुनावी बॉन्ड का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, सरकार ने अपनी पार्टी के हलफनामे के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता को यह जानने का कोई अधिकार नहीं है कि किसी राजनीतिक दल को कितना चुनावी बॉन्ड मिला है।

पिछले 6 वर्षों में मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा 1000/- रुपये के 156 चुनावी बॉन्ड याने की 1 लाख 56 हजार रुपये और 10000/- रुपये के 263 चुनावी बॉन्ड के साथ 26 लाख 30 हजार रुपये मूल्य के उपहार, 1 लाख रुपये के 3390 चुनावी बॉन्ड याने 33 करोड़ 90 लाख के साथ राजनीतिक दलों को 34 करोड़ 17 लाख 86 हजार रुपये के चुनावी बॉन्ड के रूप में दान किये हैं।

पूजीपतियों द्वारा रु.10 लाख के 8121 चुनावी बॉन्ड जिसकी कीमत 812 करोड़ 10 लाख रुपये है और रु. एक करोड़ के 14094 चुनावी बॉन्ड जिसकी कीमत 14094 करोड़ है और कुल मिलाकर 14906 करोड़ 10 लाख के चुनावी बॉन्ड पूंजीपतियों द्वारा राजनीतिक दलों को दिए गए हैं।

पिछले 6 वर्षों में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा भारत में 14940 करोड़ 27 लाख 86 हजार रुपये के चुनावी बॉन्ड वितरित किये गये हैं। इसमें मध्यम वर्ग की हिस्सेदारी 0.23% है और पूंजीपतियों का हिस्सेदारी 99.77% है। वर्ष 2022 में चुनाव आयोग द्वारा घोषित प्रतिशत के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी को 2018 से 2022 तक कुल चुनावी बॉन्ड दान का 57% प्राप्त हुआ है। अब इस प्रतिशत के मुताबिक साल 2023 तक भारतीय जनता पार्टी को रु. 8516 करोड़ रुपये की आय हुई और अनुमान है कि बाकी सभी राजनीतिक दलों को मिलाकर 6424 करोड़ रुपये मिले।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.