योगी सरकार का बड़ा कदमः लखीमपुर खीरी कांड में ऐसे होगा दूध का दूध और पानी का पानी

3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा में आठ लोगों की मौत के बाद केलव यूपी ही नहीं, पूरे देश की राजनीति तप रही है। मारे गए लोगों में चार किसान थे, जबकि दो भाजपा कार्यकर्ता, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर के साथ ही एक पत्रकार की भी हिंसा में मौत हो गई थी।

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लखीमपुर खीरी कांड की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। 3 अक्टूबर को यहां किसान संगठन के आंदोलन में आठ लोगों की मौत हो गई थी। उनमें चार किसान, दो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल था।

यूपी सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रिटायर जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को लखीमपुर मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है। सरकार के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बारे में 7 अक्टूबर को जानकारी दी। उन्होंने एक सदस्यीय आयोग के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर इस बारे में जानकार दी। मामले की जांच के लिए दो माह की समय सीमा निर्धारित की गई है।

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इनकी हुई मौत
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा में आठ लोगों की मौत के बाद केलव यूपी ही नहीं, पूरे देश की राजनीति तप रही है। मारे गए लोगों में चार किसान थे, जबकि दो भाजपा कार्यकर्ता, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर के साथ ही एक पत्रकार की भी हिंसा में मौत हो गई थी। हिंसा तब शुरू हुई, जब भाजपा नेताओं के काफिले की एक कार की चपेट में आने से चार किसानों की मौत हो गई। उसके बाद भड़की हिंसा में चार और लोगों की जान चली गई।

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