बिहार में कांग्रेस के बुरे दिन का सिलसिला जारी है। 70 सीटों में महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़कर मात्र 19 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद अब पार्टी के लिए एक और बुरी खबर है। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह ने दावा किया है कि कांग्रेस के 11 विधायक पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जल्द ही बड़ी टूट होगी और पार्टी के 11 विधायक कांग्रेस छोड़ देंगे। हालांकि कांग्रेस हाई कमान ने भरत सिंह के दावे को खारिज कर दिया है।
बाहरी हैं ये विधायक
बता दें कि कांग्रेस के 19 विधायकों में से 11 विधायक दूसरी पार्टी से आए हैं। चुनाव से पहले ये पार्टी में शामिल हुए हैं और चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। भरत सिंह का दावा है कि इन्हें पैसे देकर टिकट दिया गया था। दूसरी तरफ एनडीए अपने आपको मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। इस प्रयास में उसे सफलता भी मिलती दिख रही है। बता दें कि एनडीए के पास कुल 125 विधायक हैं, जबकि बिहार का जादुई आकंड़ा 122 है।
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भरत सिंह का दावा
भरत सिंह का दावा है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा खुद पार्टी को तोड़ने की साजिश रचने में शमािल हैं।
उनके मुताबिक जो 11 काग्रेस विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं, उनका नेतृ्त्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह कर रहे हैं। राज्यपाल कोटे से मनोनीत एमएलसी बनाए जाने हैं। सदानंद सिह और मदन मोहन झा एमएलसी बनने की फिराक में हैं।
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साजिश रचने का दावा
भरत सिंह ने कहा कि वे शुरू से कांग्रेस का आरजेडी से गठबंधन के खिलाफ हैं। वे पहले भी वे इसका विरोध कर चुके हैं। उन्होंने मदन मोहन झा, अखिलेश प्रसाद सिंह और सदनंद सिंह पर पार्टी तोड़ने की साजिश करने का आरोप लगया है।
पहले भी लगा है झटका
बता दें कि बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी हाई कमान से बिहार प्रभार से मुक्त करने की मांग की थी। उनकी मांग पर अमल करते हुए उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था। उनकी जगह भक्तम चरण दास को बिहार का प्रभारी बनाया गया है।