2019 के विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के तत्कालीन सुप्रीमो नीतीश कुमार के नाक में दम करनेवाले लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी लोजपा के 208 नेताओं ने उन्हें बाय-बाय कर जेडीयू का दामन थाम लिया है। बिहार में इसे अब तक की सबसे बड़ी बगावत बताया जा रहा है।
बिहार की राजनीति में यह दिन वर्षों तक याद किया जाएगा। पटना के जेडीयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में लोजपा के 208 नेता जेडीयू में शामिल हो गए। इनमें लोजपा के 18 जिलाध्यक्ष, पांच प्रदेश महासचिव जैसे बड़े पदाधकारी भी शामिल हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इन सभी का पार्टी में स्वागत किया। इस मौके पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, महेश्वर हजारी और गुलाम रसूल बलियावी जैसे कई नेता मौजूद थे।
जनवरी में भी पार्टी छोड़ चुके हैं 27 नेता
इससे पहले जनवरी 2021 में भी लोजपा के 27 नेताओँ ने सामूहिक रुप से इस्तीफा दे दिया था। इन्होंने एनडीए सरकार को समर्थन देने का ऐलान करते हुए लोजपा का साथ छोड़ दिया था।
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पार्टी में मची है भगदड़
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव मे हार के बाद चिराग पासवान की पार्टी लोजपा में भगदड़ मची है। अब तक कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियो में शामिल हो चुके हैं। 17 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर लेजपा में शामिल हुए रामेश्वर चौरसिया ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस तरह लोजपा से नेता-कार्यकर्ताओं का निकलना जारी है।
केशव सिंह हैं सूत्राधार
लोजपा में इस बड़ी बगावत का सूत्राधार बागी और निष्कासित नेता केशव सिंह को माना जा रहा है। उन्होंने सबसे पहले पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान के प्रति नाराजगी जताई थी। बता दें कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें लोजपा से निष्कासित कर दिया गया था।