नीतीश के संन्यास पर विपक्ष की आस

152

बिहार विधानभा चुनाव के अंतिम चरण(7 अक्टूबर) के चुनाव प्रचार के दौरान जनता दल यूनाइटेड प्रमुख और प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। इसे जनता से भावुक अपील मानते हुए नीतीश का चुनावी ब्रह्मास्त्र  के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन उन्हें मात देने के लिए बेककारर महागठबंधन ने उनकी इस अपील को अपना चुनावी हथियार बना लिया।

क्या कहा नीतीश कुमार ने?
नीतीश कुमार पुर्णिया के धमदाहा में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दैरान उन्होंने एनडीए के लिए जनता से वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा,’यह मेरा अंतिम चुनाव है और अंत भला तो सब भला।’ इसके साथ ही उन्होंने जनता से एनडीए को वोट देने की अपील करते हुए फिर से काम करने का मौका देने का आशीर्वाद मांगा। राजनैतिक हलकों में उनकी इस अपील को उनके संन्यास लेने की घोषणा के रुप में देखा जा रहा है।

उनकी इस घोषणा के बाद उठ रहे सवाल
क्या यह नीतीश कुमार का अंतिम चुनाव है और इसके बाद वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे?
क्या नीतीश कुमार को हार का आभास हो गया है?
क्या वे बिहार चुनाव के बाद दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो जाएंगे?
नीतीश के बाद जनता दल यूनाइटेड की कमान किसके हाथ में जाएगी?
क्या जेडीयू का भारतीय जनता पार्टी में विलय हो जाएगा?

नित्यानंद के नाम पर चर्चा
नीतीश कुमार चुनाव में अपने ऊपर हो रहे हमले से बेहद दुखी हैं। अब वे बिहार की राजनीति नहीं करना चाहते। इसलिए विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की सत्ता बीजेपी को सौंपकर वे केंद्र में मंत्री बन सकते हैं। उनकी जगह मौजूदा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बीजेपी नेता नित्यानंद राय को बिहार का मख्यमंत्री बनाया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि वे पीएम मोदी के रहते हुए उपराष्ट्रपति बन सकते हैं।

उनकी इस घोषणा पर किसने क्या कहा?
जेडीयू ने स्प्ष्ट किया है कि नीतीश कुमार ने अपने अंतिम चुनाव की बात कही है। वह राजनीति से संन्यास नहीं लेने नहीं जा रहे हैं। जेडीयू नेता और राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि नीतीश जी राजनीति में हैं और आगे भी बने रहेंगे। उनके बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।’

जीतनराम मांझी
हम प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ट्विट करते हुए लिखा, ‘नीतीश जी ने इसे अपना अंतिम चुनाव होने की घोषणा की है और इससे मैं और मेरे जैसे सभी बिहारी दुखी हैं।’

तेजस्वी यादव
हम काफी समय से कह रहे हैं कि नीतीश कुमार थक गए हैं और बिहार को संभालने में सक्षम नहीं हैं। लेकिन पहले नीतीश जी बिहारवासियों की अकांक्षाओं, अपेक्षाओं के साथ ही जमीनी हकीकत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। अब चुनाव प्रचार के आखिरि दिन उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है, शायद उन्हें अपनी जमीनी हकीकत का अंदाजा हो गया है।

चिराग पासवान
रणभूमि से नेता ही गद्दी छोड़कर भाग जाए तो बाकी लोग क्या करेंगे। अब जेडीयू का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। अगर नीतीश कुमार जी ये सोच रहे हैं कि ये घोषणा करके वे जांच की आंच से बच जाएंगे तो ये मैं नहीं होने दूंगा। साहब ने कहा है कि यह उनका आखिरी चुनाव है। इस बार पांच साल का हिसाब नहीं दिया और बता दिया कि अगली बार आएंगे नहीं। अपना अधिकार उन्हें न दें जो कल आपका आशीर्वाद मांगने नहीं आए। अगले चुनाव में न रहेंगे साहब और न रहेगी जेडीयू। फिर हिसाब किससे लेंगे हम।

उपेंद्र कुशवाहा
रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘उनकी उम्र अधिक हो चुकी है, अब उनको आराम करना चाहिए। बड़े भाई नीतीश, इस छोटे भाई उपेंद्र को सरकार चलाने का आशीर्वाद दें।’

 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.