बिहार चुनावः सियासी रस्साकशी और अपराध भी बढ़ा

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पटना। बिहार चुनाव का क्लाइमैक्स शुरू हो गया है। महागठबंधन में सीटों का बंटवारा भी हो गया है और आरजेडी 144, कांग्रेस 70 और लेफ्ट पार्टियां 29 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन एनडीए में अभी भी रस्साकशी जारी है। हालांकि दोनों ही महत्वपूर्ण घटक दलों जेडीयू और भाजपा के बीच फिफ्टी- फिफ्टी का हिसााब हो गया है। जेडीयू को 122 और भाजपा को 121 सीटें मिली हैं। इस बीच जैसे-जैसे चुनावी पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे बिहार में अपराध और अपराधियों का बोलबाला भी बढ़ता जा रहा है।
हम के लिए जेडीयू, वीआईपी के लिए भाजपा ने छोड़ी सीटें
जेडीयू ने हिंदुस्तान आवामी मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी को अपने कोटे से 7 सीटें दी हैं। वहीं महागठबंधन में भाव न मिलने से नाराज विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी भी एनडीए में आ गए हैं। भाजपा अपने कोटे से मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी को छह सीटें देगी। इस हिसाब से जदयू और भाजपा बराबर-बराबर 115-115 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी के एनडीए से बाहर चले जाने और अपने दम पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद एलाइंस में कोई ज्यादा खिचपिच जैसी बात नहीं लग रही है।
चिराग पासवान के लिए बुरी खबर
इस बीच चिरार पासवान के लिए बुरी खबर है। भाजपा ने मंगलावर को स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव को लेकर एनडीए का सभी निर्णय नीतीश कुमार की अगुवाई में लिया जा रहा है। एनडीए में वही पार्टियां रहेंगी, जिन्हें उनका नेतृत्व स्वीकार होगा। अगर चिराग पासवान को उनका नेतृत्व स्वीकार नहीं है तो उन्हें केंद्र में भी एनडीए से बाहर जाना होगा।


भाजपा के प्रति चिराग का रुख नरम
हम आपको बता दें कि चिराग पासवान एनडीए के ही अहम पार्टनर भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति नरमी दिखा रहे हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि वे भाजपा की उम्मीदवारी वाली सीटों पर लोजपा के उम्मीदावार नहीं उतारेंगे।
उन्होंने दावा किया है कि इस बार बिहार में बीजेपी व लोजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए बिहार में अकेले चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें उनका कोई स्वार्थ नहीं है। चिराग ने राम विलास पासवान का हवाला देते हुए लिखा कि हर बेटे की तरह उनके लिए भी पिता की मौजूदगी ताकत है। वे बिहार और बिहारवासियों के लिए उनके सपनों को लेकर लोगों के बीच आएंगे। इसके लिए चार लाख बिहारियों के सुझावों के आधार पर ‘बिहार फर्स्‍ट, बिहारी फर्स्‍ट विजन डाक्यूमेंट’ बनाया गया है।
चिराग का नितिश पर हमला तेज
दूसरी ओर एनडीएन से अलग होने के बाद लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू पर हमले तेज कर दिए हैं। जनता के नाम अपने खुला पत्र में उन्‍होंने जनता से अपने भविष्‍य के लिए जेडीयू प्रत्‍याशी को वोट नहीं देने की अपील की है। मंगलवार को चिराग पासवान ने सात निश्चय योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर सभी दोषियों को जेल भेजने की बात कही है। उन्‍होंने योजना की लंबित राशि के तुरंत भुगतान की भी मांग की, ताकि अधूरे पड़े कार्य पूरे किए जा सकें। मुख्‍यमंत्री के सात निश्‍चय योजना पर हमलावर चिराग ने इसके पहले खुला पत्र जारी कर नीतीश कुमार को वोट नहीं देने की अपील की थी। चिराग ने स्पष्ट कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे भ्रष्टाचार करने वालों को जेल भेज देंगे। चिराग के बयानों से बाद बिहार में सियासत गरमा गई है।
आरजेडी ने भी बोला नीतीश पर हमला


चिराग पासवान के इस कदम में अपना फायदा होते देख आरजेडी ने भी नीतीश कुमार की बखिया उधेड़नी शुरू कर दी है और उन्हें ठग करार दिया है। आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि उनकी पार्टी तो पहले से ही कह रही है कि नीतीश कुमार एक नंबर के ठग हैं और उन्होंने अब तक सबको ठगने का काम किया है। भाई वीरेंद्र ने कहा है कि उन्होंने लालू यादव और रामविलास पासवान को भी ठगा है। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को भी नहीं छोड़ा, उन्हें भी खूब ठगा है।
कांग्रेस को भी मिला मौका
महागठबंधन में शामिल 70 सीटों पर चुनावी समर में अपनी किस्मत आजमा रही कांग्रेस ने भी मौके पर चौके लगाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठोड़ ने आरोप लगाया है कि नीतीश राज में बिहार में विकास का कोई काम नहीं हुआ। इस वजह से लोगों का पलायन बढ़ा। चिराग जो बोल रहे हैं, वह एनडीए में शामिल लोजपा की आवाज है।
जेडीयू का पलटवार
चिराग पासवान के हमले पर जेडीयू ने भी पलटवार करना शुरू कर दिया है। पार्टी के अफजल अब्बास ने कहा है कि चिराग हों या रामविलास पासवान, पहले नीतीश कुमार की तारीफ करते थकते नहीं थे लेकिन अब ऐसी बातें कर रहे हैं। वे गलत आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
अपराध का ग्राफ बढ़ा
इस बीच बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। 6 अक्टूबर, रविवार को पूर्णिया जिले में दलित नेता शक्ति मल्लिक की हत्‍या कर दी गई। इस मामले में तेजस्वी यादव समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। शक्ति मलिक पहले आरजेडी में ही थे और टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने पार्टी छोड़कर निर्दलीय के रुप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
इससे कुछ दिन पहले पटना में भाजपा नेता राजेश कुमार झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके साथ ही आरजेडी के एक नेता और व्यवसाई संजय सिंह की गाड़ी से 74लाख बेहिसाबी रकम बरामद की गई थी। आरोप लगाया जा रहा है कि वे पैसे चुनाव में इस्तेमाल करने के लिए लाए जा रहे थे।
दरअस्ल चुनाव के ऐलान के बाद से ही बिहार में अपराध बढ़ने लगे हैं।
– 29 सितंबर को एक दैनिक अखबार के पत्रकार राजन पांडे की गोली मारकर हत्या
-समस्तीपुर में महिला कांस्टेबल के बेटे रिंकु चौधरी की गोली मारकर हत्या
-वैशाली में ठेकेदार की गोली मारकर हत्या
-आरा के नवादा थाना क्षेत्र में जेडीयू नेता प्रिंस सिंह बजरंगी और उनके साथी मिथुन सिंह की गोली मारकर हत्या
-गोपालगंज से सटे सिवान जिले में मुखिया सुनील कुमार सिंह उर्फ दरारी सिंह की गोली मारकर हत्या
– रिटायर्ड एसआई गोरख प्रसाद की सिवान के नौतन थाना क्षेत्र में गोली मारकर हत्या

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