नीतीश कुमार मंत्रीमंडल का विस्तार हो गया। इस विस्तार में राज्यपाल फागू चौहान ने 17 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ विधि ने विधानसभा में समीकरण भी बदल दिये। जिसमें भारतीय जनता पार्टी बड़े भाई के रूप में स्थापित हो गई और जनता दल यूनाइटेड छोटे के किरदार में सत्ता की नाव चलाएगी।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 9 विधायकों और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के 8 विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही भाजपा मंत्रियों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। जबकि जदयू के 12 मंत्री हैं। इसके अलावा पूर्व के 14 मंत्रियों के विभागों में परिवर्तन भी किया गया है।
सुशांत सिंह राजपूत का भाई बना मंत्री
दिवंगत अभिनेता सुशांतसिंह राजपूत के भाई को भी बिहार सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार में स्थान मिला है। नीरजसिंह बबलू भारतीय जनता पार्टी से विधायक हैं।
इसमें फंसा था पेंच
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने मंत्रीमंडल के विस्तार में 84 दिनों का समय लगा। इस बीच कई अफवाहें आती-जाती रहीं। लेकिन राजनीतिक सूत्रों के अनुसार जदयू 50-50 के फार्मूले को लेकर अड़ गई थी। जो भाजपा को मान्य नहीं था। भाजपा अपने विधायकों की संख्या के अनुसार मंत्रीमंडल में हिस्सा चाह रही थी।
ऐसे सेट हुआ मामला
2017 में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ सत्ता स्थापित की थी। इसके पहले जदयू की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन की सत्ता थी। उस समय जदयू मंत्रियों की संख्या भाजपा के मंत्रियों से अधिक थी। जिसका उदाहरण देते हुए भाजपा और जदयू में समझौता हो पाया है और सत्ता बनाने के 84 दिन बाद मंत्रीमंडल विस्तार संभव हो पाया है।
अब भी नहीं भरा मंत्रियों का कोटा
बिहार विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 243 है। कुल विधायकों के 15 प्रतिशत मंत्री बन सकते हैं। यानी बिहार सरकार में 36 मंत्री हो सकते हैं। नए विस्तार के बाद बिहार में कुल 31 मंत्री बन सकते हैं। इसे देखते हुए 5 मंत्रियों का स्थान अब भी रिक्त है।