कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस सरकार (Congress Government) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कर्नाटक सरकार द्वारा पेश किया गया ‘हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक’ (Hindu Religious Institutions and Charitable Endowments Bill) विधान परिषद (Legislative Council) में पारित नहीं हो सका। विपक्षी दल भाजपा (BJP) और जेडीएस (JDS) ने इसका विरोध किया। विधान परिषद में विपक्ष (Opposition) का बहुमत (Majority) है, इसलिए विरोध के कारण यह विधेयक विधान परिषद में पारित (Passed) नहीं हो सका।
हालांकि, सरकार ने इस बिल को विधानसभा में तो पास करा लिया, लेकिन विधान परिषद में इसे खारिज कर दिया गया। साथ ही, विधान परिषद विधेयक को अधिकतम दो बार अस्वीकार कर सकती है। विधानसभा से तीसरी बार पारित होने के बाद विधेयक स्वतः ही पारित माना जाएगा। हालांकि, भाजपा और अन्य हिंदू संगठन इस बिल के विरोध में हैं।
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विधान परिषद में दो सीटें खाली
विधान परिषद में भाजपा के पास स्पीकर समेत 35 सदस्य हैं, जबकि जेडीएस के पास आठ सदस्य हैं। कांग्रेस के पास एक निर्दलीय को छोड़कर 29 सदस्य हैं। वर्तमान में दो रिक्तियां हैं। जबकि मौजूदा नियम सरकार को विधानसभा में विधेयक को फिर से पेश करने की अनुमति देते हैं, कांग्रेस सूत्रों ने सुझाव दिया है कि अधिनियम को लोकसभा चुनाव तक स्थगित किया जा सकता है और जून में मानसून सत्र में फिर से लाया जा सकता है।
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