बिहार में एक बार फिर राजनीति खेल होने को लेकर हलचल बढ़ गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। इसी के साथ एक बार फिर बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू के एक साथ आने की बात कही जा रही है। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं में इसे लेकर डील होने की बात भी कही जा रही है, लेकिन पेंच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर फंसा हुआ है।
बिहार में पिछले कुछ दिनों से राजनीति हलचल तेज हो गई है। प्रदेश में विभिन्न पार्टियों की बैठकों का दौर जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में एक बार फिर सबको हैरान कर देने वाला खेला होने जा रहा है। इस खेला की पृष्ठभूमि तैयार हो जाने की बात कही जा रही है।
नीतीश कुमार देंगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा?
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार कभी भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार का समर्थन कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों ही पार्टियों में सब कुछ तय हो गया है, लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर बात अटकी हुई है।
कौन बनेगा अगला मुख्यमंत्री?
सूत्रों का कहना है कि इस बार भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। उसने मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का नाम तय कर लिया है। लेकिन नीतीश कुमार 2025 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहते हैं। यहीं पर दोनों के बीच बात अटकी हुई है। इसके साथ ही दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है।
भाजपा का प्लान-2
सूत्रों के अनुसार अगर नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े रहते हैं तो भाजपा का नेक्स्ट प्लान भी तैयार है। बताया जा रहा है कि जेडीयू के 25 विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं। वे भाजपा में शामिल होंगे। इसके साथ ही लोजपा के चिराग पासवान जल्द ही एनडीए के साथ आएंगे। वे महागठबंधन से अलग होकर एनडीए का समर्थन करेंगे। बदले में उन्हें केंद्र में राज्यमंत्री बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि चिराग अपने साथ आरजेडी के कुछ विधायकों को साथ लाएंगे। इस तरह भाजपा बिहार प्रदेश में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़े को प्राप्त करेगी।
भाजपा का जुगाड़
बता दें कि बिहार में विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। इस हिसाब से यहां बहुमत प्राप्त करने का जादुई आंकड़ा 122 है। अगर जेडीयू के 45 में से 25 विधायक एनडीए के साथ आते हैं और आरजेडी के पांच विधायक चिराग पासवान लेकर आते हैं तो जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी की पार्टी के विधायकों को मिलाकर भाजपा इस जादुई आंकड़े को प्राप्त कर सकती है।
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यहां से तेज हुई राजनीति हलचल
बता दें कि 28 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने पहुंचे थे। उनके पीछे-पीछे पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी वहां पहुंचे थे। उसके बाद से ही बिहार से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। हालांकि मोदी ने इसे औपचारिक मुलाकात बताई थी,लेकिन सूत्र बताते हैं कि ये मात्र संयोग नहीं था, बल्कि बिहार की आगे की राजनीति का संकेत था।