महाराष्ट्र में मंदिर खुलवाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी आग्रही है। इसके लिए राज्यव्यापी आंदोलन भी किया गया। अब नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने भी स्पष्ट किया है कि हम हिंदू हैं मात्र इसीलिए मंदिर खुलवाने के लिए आग्रही नहीं हैं बल्कि, मंदिरों से चलनेवाले अर्थ तंत्र के लिए यह बहुत आवश्यक है।
मदिरालय पर कृपा, मंदिर पर खफा कुछ ऐसी ही परिस्थिति महाराष्ट्र में पूरे कोरोना काल में दिख रही है। जिससे हॉटेल, मदिरालय, दुकान आदि शुरू हो गए हैं परंतु, मंदिर लंबे काल से बंद हैं। इसके कारण मंदिरों में लगनेवाले फूल-फल, चढ़ावे के सामान, टूरिस्ट गाड़ियों समेत पूरा अर्थ तंत्र ही ठप पड़ गया है। इस विषय पर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस का प्रखर मत है, जिसमें वे राज्य सरकार को इसका दोषी करार देते हैं।
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जितनी चिंता शराब पीने और बेचनेवालों की है उसका पांच प्रतिशत तो…
Join Our WhatsApp Communityमंदिर न खोलें ऐसा कहां केंद्र सरकार ने कहा है मुझे बताएं। देश के सभी राज्यों ने मंदिर खोल दिये हैं। अपने मन के अनुसार निर्णय लें और केंद्र सरकार पर मढ़ दें, यह बंद होना चाहिए। इतने दिनों से महाराष्ट्र में जो प्रतिबंध लगें हैं वो किसी भी अन्य राज्य में नहीं है, उत्तर प्रदेश में मंदिर खुल गए हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के मंदिर खुले हैं। आप शराब की दुकान खोल सकते हैं, मॉल खोल सकते हैं, हॉटेल खोल सकते हैं। हॉटेल खुलने का हम विरोध नहीं करते, लेकिन क्या वहां भीड़ नहीं होती, मात्र मंदिरों में ही भीड़ होती है। मुझे लगता है कि इस विषय में परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेना चाहिए। मैंने कहा है कि मंदिर हमारे लिए मात्र आस्था का विषय नहीं है, परंतु हमारा कहना है कि उन मंदिरों पर जिन गरीबों का घर चल रहा है उनकी क्या मदद की सरकार ने? जो फूल बेचता है, अगरबत्ती बेचता है उसकी क्या सहायता की? मंदिर के पुजारी की क्या सहायता की सरकार ने? मंदिरों के आधार पर एक बड़ी अर्थव्यवस्था चलती है। उनकी कोई चिंता सरकार को नहीं है। आपको जितनी चिंता शराब पीनेवाले और शराब बेचनेवालों की है उसकी पांच प्रतिशत चिंता तो मंदिरों की होनी चाहिए ना?
देवेंद्र फडणवीस – नेता विपक्ष, महाराष्ट्र