चुनावी वातावरण में बंगाल में मारपीट, आरोप-प्रत्यारोप के बाद अब सियासत, पांव को लेकर भी खूब खेली जा रही है। इसमें कहीं ‘पांव’ दिखाकर सियासत हो रही है तो कहीं सियासत ही ‘पांव’ (नीचले स्तर) पर है। इससे एक चर्चा ये भी है कि आपाधापी की सियासत में जीभ भी लड़खड़ाने लगी है।
नहीं पच रहा सियासी पांव
भारतीय जनता पार्टी इस बार पश्चिम बंगाल में पूरा जोर लगाकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। इसमें कड़ा टक्कर दे रही ममता बनर्जी बंगाल की बेटी बनकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। अब घायल पैर ने इसे इमोशनल कर दिया है। भाजपा को चुनाव प्रचार का ये इमोशनल एंगल पच नहीं रहा है।
ये भी पढ़ें – जानिये ‘एनआईए’ है क्या? कैसे करती है आपकी रक्षा?
प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि,जब सीएम को अपना प्लास्टर लगा पांव हर जगह दिखाना है तो वे साड़ी पहनने के बजाए बर्मुडा क्यों नहीं पहनतीं?
टीएमसी ने कहा बंदर
भाजपा नेता दिलीप घोष की टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोहुआ मोइत्रा ने उसी तरह से उत्तर दिया है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जन सभाओं में कहते हैं कि, ममता दीदी साड़ी पहनती हैं, उन्हें बर्मूडा पहनना चाहिए जिससे पैर अच्छे से दिखें और इन विकृत बंदरों को ये लगता है कि ये बंगाल का चुनाव जीतनेवाले हैं?
ये भी पढ़ें – यूपी में अब बुर्का बैन?
ये है कारण
बंगाल के चुनाव प्रचार में 10 मार्च को नंदीग्राम में दीदी का पैर क्या लड़खड़ाया राष्ट्रीय मुद्दा बना गया। दीदी और उनके दल ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करने का आरोप लगाया। अस्पताल के बेड पर लेटी दीदी के पैर में प्लास्टर लपेटी हुई फोटो वायरल होने लगी। लेकिन अड़तालिस घंटों में ही आरोप दम तोड़ने लगा। वीडियो में दिखने लगा कि दीदी खंभे से टकराकर घायल हुई थीं। दीदी भी अस्पताल से निकलीं तो प्लास्टर की जगह क्रैप बैंडेज लगा हुआ था। आरोप ठंडे पड़ चुके थे। लेकिन चुनाव प्रचार में सच-झूठ कौन देखता है। वहां तो ममता दीदी हैं और उनका घायल पांव है। जिसे दिखाकर प्रचार हो रहा है।