Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा में पूरी ताकत झोंकने के मूड में भाजपा, बढ़ेंगी केजरीवाल की मुश्किलें

दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के लोग अलग-अलग सीटों पर हार जीत का निर्णय करते हैं। एनडीए के ‌सभी घटक दलों के एक साथ आने से ‌एक सकारात्मक संदेश जाएगा।

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दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) के लिए जहां एक ओर इंडी गठबंधन (Indi Alliance) के दो घटक दलों आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच घमासान मचा हुआ है। वहीं, एनडीए (NDA) के सभी घटक दल दिल्ली में मिलकर चुनाव प्रचार (Election Campaign) करेंगे। ‌चंद्रबाबू नायडू, कुमार स्वामी समेत तमाम नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए अपनी सहमति दे दी है।

भाजपा की जीत के लिए नया प्रयोग
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए सभी एनडीए घटक दलों के एक साथ मिलकर चुनाव प्रचार में आना एक नया प्रयोग है। गुरुवार (26 दिसंबर) को दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में तेलुगु देशम पार्टी की ओर से चंद्रबाबू नायडू, और जेडीएस की ओर से एचडी कुमार स्वामी, निषाद पार्टी के संजय निषाद, अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल, हम के जीतन राम मांझी ने भी भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने की सहमति दे दी है।

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एनडीए की एकजुटता का संदेश
दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के लोग अलग-अलग सीटों पर हार जीत का निर्णय करते हैं। एनडीए के ‌सभी घटक दलों के एक साथ आने से ‌एक सकारात्मक संदेश जाएगा। दिल्ली भाजपा के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली की 70 सीटों में से भाजपा अपने सहयोगी दलों जनता दल ‘यू’ और लोक जनशक्ति पार्टी को कुछ सीटें दे सकती है। ‌इसको लेकर बातचीत जारी है। वही इंडी गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर हमलावर है।

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