महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओंं समेत तीन लोगों की हत्या मामले में न्याय की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन भी उनके आंदोलन को विफल करने के लिए सक्रिय हो गया है। 18 नंवबर को बीजेपी विधायक राम कदम ने पालघर साधु हत्याकांड को लेकर जन आक्रोश आंदोलन करने का ऐलान किया था लेकिन पुलिस सुबह से ही खार स्थित उनके आवास के पास पहुंच गई और राम कदम को अपना दम दिखाने से पहले ही हिरासत में ले लिया। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर भाजपा ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है।
राम कदम को लिया हिरासत में
राम कदम ने साधुओं की हत्या के विरोध में और उन्हें न्याय देने की मांग को लेकर 18 नवंबर को सुबह 8.30 बजे खार स्थित अपने निवास स्थान से पालघर तक जन आाक्रोश आंदोलन करने का ऐलान किया था। गौर तलब है कि पालघर में साधुओं की हत्या के 211 दिन हो जाने के बावजूद इस बारे में कोई ठोस कर्रवाई नहीं की गई है। इसी के विरोध में यह आंदोलन करने का ऐलान राम कदम ने किया था। लेकिन सुबह ही खार स्थित उनके निवास के आसपास पुलिस की तैनाती कर दी गई थी और आंदोलन के लिए घर से निकलते ही कदम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहां मौजूद समर्थकों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए राम कदम के साथ ही उनके कई समर्थकों को भी हिरासत में लिया।इस पुलिस कार्रवाई को लेकर भारतीय जना पार्टी के नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
Maharashtra: BJP MLA Ram Kadam and his supporters detained by Police from outside his residence in Mumbai. They were taking out a 'Jan aakrosh yatra' to Palghar demanding CBI probe into Palghar mob lynching case. pic.twitter.com/rYUxFKOV71
— ANI (@ANI) November 18, 2020
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प्रवीण दरेकर ने की आलोचना
महाराष्ट्र विधान परिषद में बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा है कि पालघर में साधुओं की हुई हत्या के विरोध में आवाज उठाना और उनके लिए न्याय की मांग करना ठाकरे सरकार के कार्यकाल में अपराध हो गया है। राम कदम को हिरासत में लिए जाने से इस बात पर मुहर लग गई है। राज्य में जुर्म की राजनीति की जा रही है। लेकिन सरकार न्याय की आवाज को दबाने की कितनी भी कोशिश करे, गिरफ्तारी करे, राज्य में साधु-संतों के लिए, हिंदुत्व के लिए और महाराष्ट्र के हितों के लिए बीजेपी और पार्टी कार्यकर्ता अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
ठाकरे सरकारच्या काळात पालघर साधू हत्याकांडावर आवाज उठवणं, न्याय मागणं गुन्हा आहे का? लोकप्रतिनिधी असलेल्या @ramkadam यांनी आंदोलनाचा इशारा दिल्यानंतर पोलिसांनी त्यांना ताब्यात घेतलं. यातून राज्यात जुलमी राजवट सुरु असल्याचे दिसून येते. @CMOMaharashtra @AnilDeshmukhNCP @OfficeofUT pic.twitter.com/H6cWob6A97
— Pravin Darekar – प्रविण दरेकर (@mipravindarekar) November 18, 2020
राणे ने की सीबीआई जांच की मांग
इस बीच बीजेपी राज्य सभा सदस्य नारायण राणे ने आरोप लगाया है कि पालघर हत्या मामले की जांच व्यवस्थित तरीके से नहीं की गई । राणे ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह ठाकरे सरकार हिंदुत्वादी नहीं, जोड़तोड़ की है।
क्या है पालघर साधू हत्या मामला?
- 16 अप्रैल को पालघर जिले के गंडचिंचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं पर हमला कर उन्हें पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
- साधुओं के वाहन चालक की भी हत्या कर दी थी
- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस हत्याकांड पर अपनी नारजगी जताई थी और दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कही थी।
- फिलहाल मामले की सीआीडी जांच जारी है।
- सूरत में एक अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे साधु
- बच्चा चोर गिरोह समझकर गांंव के लोगों ने किया हमला
- किसी ने भी उन्हें नहीं रोका, मौजूद लोगों ने वीडियो भी बनाया
- हत्याकांड मे अब तक 186 लोग गिरफ्तार, 11 नाबालिग भी शामिल
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