पाठ्य पुस्तक से वीर सावकर को हटाए जाने का भाजपा ने किया विरोध, कांग्रेस के साथ उबाठा भी निशाने पर

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार से संबंधित पाठ्य सामग्रियों को पुस्तक से हटाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। भाजपा ने सत्ताधारी कांग्रेस की इसे लेकर कड़ी आलोचना की है।

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कर्नाटक में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार से संबंधित पाठ्य सामग्रियों को पुस्तक से हटाने का भाजपा ने विरोध किया है। मुंबई भाजपा अध्यक्ष डॉ. आशीष शेलार ने इसे लेकर अपने ट्वीट में कांग्रेस के साथ ही उद्धव बालासाहेब ठाकरे पर भी निशाना साधा है।

भाजपा नेता ने कहा है कि कांग्रेस ने देश के इन महान सपूतों को पाठ्य पुस्तकों से भले ही हटा दिया है लेकिन देशवासियों के दिलों से और देश के इतिहास से उनके महान कार्यों को वे नहीं हटा सकते।

कांग्रेस के साथ ही उबाठा पर भी साधा निशाना
डॉ. शेलार ने इस मुद्दे को लेकर उद्धव बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना पर भी निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि कांग्रेस की साझेदार उबाठा अपने हिंदुत्व को लेकर अब क्या कहेगी। शेलार ने कहा है कि 60 वर्षों के कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन से त्रस्त होकर जनता ने उसे सत्ता से बाहर करना शुरू कर दिया है। इस स्थिति में कांग्रेस का समर्थन करने वाली उबाठा का क्या होगा?

उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने भी किया विरोध
भाजपा नेता ने कहा कि उद्धव ठाकरे की ऐसी नीति के कारण ही शिवसेना दो पार्टियों में बंट गई है। अब जनता उबाठा और कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता राहुल गांधी को जल्द ही सबक सिखाएगी। आशीष शेलार के साथ ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस कदम पर जनता उसे सबक सिखाएगी। इनके साथ ही महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी इसके लिए कर्नाटक कांग्रेस की कड़ आलोचना की है।

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भाजपा के निर्णय को पलट रही है कांग्रेस
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में सत्ता में आई कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों को पलटना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उसने स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू विचारक वीर सावरकर के साथ ही आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार से संबंधित पाठ्य सामग्री को पुस्तकों से हटा दिया है, जबकि जवाहर लाल और संविधान रचयिता डॉ. आंबेडकर से संबंधित पाठ्य सामग्री की वापसी हो गई है। इसके साथ ही लव जिहाद पर भी उसके रुख नरम पड़ने से इस तरह की आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलने की आशंका है। कांग्रेस के इस तरह के निर्णय का भाजपा ने विरोध करना शुरू कर दिया है।

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