मुंबई बैंक जालसाजी मामले में 12 अप्रैल को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने उन पर दर्ज मामले की जांच में पुलिस को सहयोग करने का भी आदेश दिया है।
सरकारी पक्ष ने की थी गिरफ्तारी की मांग
बॉम्बे उच्च न्यायालय अनुजा प्रभुदेसाई के समक्ष मंगलवार को विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई हुई। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रवीण दरेकर पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने अभी तक पुलिस को इस संबंध में कागजात भी उपलब्ध नहीं करवाया है। इसलिए मामले की तह तक जाने के लिए प्रवीण दरेकर की गिरफ्तारी जरूरी है।
राजनीतिक उद्देश्य से प्रकरण दर्ज
प्रवीण दरेकर के वकील अखिलेश चौबे ने कोर्ट को बताया कि आवेदक से पुलिस दो बार पूछताछ कर चुकी है। इसी तरह अगर पुलिस ने फिर से आवेदक को पूछताछ के लिए बुलाया तो वे जांच के लिए उपलब्ध होंगे। अखिलेश चौबे ने कहा कि पुलिस ने राजनीतिक मकसद से आवेदक पर मामला दर्ज किया है, जबकि मामले में कोई दम नहीं है। इसके बाद दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद जज ने प्रवीण दरेकर की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली।
मिली अग्रिम जमानत
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश सचिव धनंजय शिंदे ने प्रवीण दरेकर के विरुद्ध एमआरए पुलिस स्टेशन में जालसाजी का मामला दर्ज करवाया था। इसी मामले में अग्रिम जमानत के लिए प्रवीण दरेकर ने सेशन कोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन सेशन कोर्ट ने 25 मार्च को दरेकर की याचिका खारिज कर दी थी। सत्र अदालत ने उस समय उन्हें 29 मार्च तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी, जिससे वे अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकें। इसके बाद प्रवीण दरेकर ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की और आज उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई।