भारतीय जनता पार्टी ने 3 जुलाई को कहा कि तेलंगाना में भ्रष्ट एवं परिवारवाद से घिरी हुई सरकार चल रही है। भाजपा इस सरकार का विकल्प है और पार्टी को जनता का आशीर्वाद मिल रहा है।
भारतीय जनता पार्टी की यहां दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और जी कृष्ण रेड्डी ने राज्य के कार्यकर्ताओं के साथ एक प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने आज तेलंगाना के लोगों की आर्थिक, सामाजिक एवं हर दृष्टिकोण से बढ़ रही तकलीफों पर दुख व्यक्त किया है।
सरकार ने नहीं पूरे किए वादे
गोयल ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (टीआरएस) ने तेलंगाना की जनता से किए वादे पूरे नहीं किए हैं। तेलंगाना की जनता टीआरएस सरकार से दुखी है। 8 वर्षों में केंद्र सरकार बड़े पैमाने में योजनाएं लाई है। इनका दुरुपयोग किया गया। हर योजना में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार हुए।
तेलंगाना बनाने में भाजपा का बड़ा योगदान
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के बनने में भाजपा का भी बड़ा योगदान रहा है। भाजपा ने वर्षों तक संघर्ष किया है। वर्षों तक तेलंगाना की युवा शक्ति ने अपना बलिदान दिया है। बड़े संघर्ष के बाद तेलंगाना बना है। विगत 8 वर्षों में टीआरएस की सरकार ने लोगों की उम्मीदों को पूरी तरह से तोड़ दिया है। तेलंगाना में टीआरएस सरकार भ्रष्टाचार की प्रतीक बन गई है। तेलंगाना में एक ही परिवार पूरी सरकार चला रहा है।
उनके साथ मौजूद केन्द्रीय मंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने भी टीआरएस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और राज्य के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव मिलकर राज्य को लूट रहे हैं।
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8 साल से नहीं गए सचिवालय
मुख्यमंत्री पर व्यक्तिगत आक्षेप करते हुए उन्होंने कहा कि राव भाजपा नेताओं को सरकार चलाना सिखा रहे हैं। वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो पिछले 8 साल से सचिवालय नहीं गए। एक महीने में 20 दिन वे अपने फार्म हाउस में गुजारते हैं। राज्य में कैबिनेट बैठक नहीं होती। केवल रात्रिभोज पर परिवार बैठक करता है। उन्होंने कहा कि राज्य में बाप-बेटे की सरकार चल रही है। तेलंगाना आंदोलन में शामिल सभी नेताओं को दरकिनार कर दिया है।
जनता भाजपा को आशीर्वाद देने को तैयार
रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना की जनता भाजपा को आशीर्वाद देने के लिए तैयार है। इससे डरकर राज्य के मुख्यमंत्री केसीआर लगातार प्रधानमंत्री के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। भाजपा की बैठक के बीच अपने प्रचार के लिए टीआरएस ने 40 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन से खड़ी हुई टीआरएस आज राज्य में विरोध प्रदर्शनों को दबाने की पूरी कोशिश करती रही है।