मध्य प्रदेश के भोपाल में भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा आयोजित भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के साथ ही राज्य सरकार द्वारा आयोजित जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत भी हुई। इस समारोह के आयोजन के कारणों को जानने के लिए देश में जनजातीय समाज की संख्या को समझना भी आवश्यक है। जिससे स्पष्ट होगा कि इस कार्यक्रम से किसे क्या प्राप्त होगा?
देश की कुल जनसंख्या का 8.6 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है। 2011 की जनसंख्या के अनुसार 705 जानजातीय समूह इसमें शामिल हैं और ये ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तसीगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक विस्तृत हैं। यदि क्षेत्रवार देखा जाए तो देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में लगभग 12 प्रतिशत, दक्षिणी क्षेत्र में 5 प्रतिशत, उत्तरी क्षेत्र में 3 प्रतिशत जनसंख्या जनजातीय लोगों की है।
ये भी पढ़ें – चीन को जवाब देने की भारत की ऐसी है तैयारी! कांप उठेगा चालबाज चीन का कलेजा
कहानी राजनीतिक है
मध्य प्रदेश की बात करें तो 230 विधान सभा सीटों वाले इस प्रदेश में 47 विधान सभा ऐसी हैं, जहां जनजातीय मतदाता ही निर्णायक होते हैं। राज्य की कुल जनसंख्या का 21.5 प्रतिशत जनजातीय है। जिससे राज्य में सभी सीटों पर जानजाति समूहों पर प्रभाव रहता है।
वर्ष 2015 के चुनावों में 15 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को पटखनी झेलनी पड़ी थी। इसका परिणाम ये कहा जा सकता है कि भाजपा को सत्ता स्थापना में दिक्कत झेलनी पड़ी। इससे सीख लेते हुए भारतीय जनता पार्टी 2023 के विधान सभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों में जनजातीय मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए कसरत शुरू कर दी है।
Join Our WhatsApp Community