भाजपा को इसलिए मन से पसंद आई ‘मनसे’

मनपा चुनावों के लिए राजनीतिक जोड़तोड़ शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार शिवसेना मुंबई मनपा में नया दांव चल सकती है, जिसमें वह अन्य दलों के जीतनेवाले नगरसेवकों को शामिल करा सकती है। इस परिस्थिति में भाजपा भी अपना दांव साधने में लगी है।

157

भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं के बीच बैठक हुई। यह बैठक मनसे प्रमुख के निवास पर हुई। इस भेंट में परप्रांतियों को लेकर मनसे के विचारों पर चर्चा हुई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने परप्रांतियों के मुद्दे पर मनसे प्रमुख के विचारों से सहमति व्यक्त की है। इस बैठक के बाद दोनों पार्टियों के बीच आगामी मनपा चुनावों पर युति को लेकर महत्पूर्ण जानकारी सामने आई है।

मनसे की बात जब-जब होती है तो परप्रांतियों के प्रति उसके विचारों की चर्चा अवश्य होती है। ऐसी ही चर्चा शुक्रवार को भी हुई जब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कृष्णकुंज जाकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से भेंट की। दोनों नेताओं में बहुत देर तक चर्चा हुई। इस भेंट के बाद चंद्रकांत पाटील ने बाहर मीडिया से चर्चा भी की। इस बैठक में राज ठाकरे के पुत्र अमित ठाकरे, पत्नी शालिनी ठाकरे, मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नांदगांवकर भी उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें – क्या भाजपा के आंदोलन से आम लोगों को मुंबई लोकल में यात्रा की मिलेगी अनुमति?

नए समीकरण की सुगबुगाहट
भाजपा और मनसे के बीच नए राजनीतिक समीकरण के जुड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। चंद्रकांत दादा पाटील ने यद्यपि, मनपा चुनावों को लेकर दोनों दलों की युति पर किसी तरह की चर्चा होने की बात से इन्कार किया है परंतु, माना जा रहा है कि यह भेंट पुणे मनपा चुनाव की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। मुंबई मनपा चुनावों में सत्ताधारी शिवसेना अपने युवराज आदित्य ठाकरे को बड़ी राजनीतिक छवि के रूप पेश करने की तैयारी में है। उसके पास सत्ता की शक्ति है और आदित्य ठाकरे महीनों पहले से ही मुंबई मनपा के कार्यों को लक्षित करके मुंबई में ही सीमित हो गए हैं। कई बार तो लोग प्रश्न खड़ा करने लगे हैं कि आदित्य ठाकरे राज्य सरकार के मंत्री हैं या मुंबई मनपा के नगरसेवक।

भाजपा, इस बार मुंबई मनपा चुनाव ‘करो या मरो’ की जिद से लड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। इसमें शिवसेना से घात झेल चुकी मनसे उसका साथ देती है तो मराठी मतदाताओं का रुझान जीत के आंकड़े बढ़ा सकता है।

पुणे में दादा की दिक्कत कम करेंगे राज ठाकरे
चंद्रकांत पाटील पुणे से विधायक हैं। उनका मूल स्थान कोल्हापुर उनके हाथ से निकल गया है। ऐसी परिस्थिति में दादा ने पुणे की शरण ली और जीत प्राप्त की। परंतु, दादा के प्रदेशाध्यक्ष रहने के बाद भी शिक्षक मतदार संघ के चुनावों में पुणे से भाजपा उम्मीदवार को पराजय का सामना करना पड़ा। यह दादा के लिए दिक्कत का संदेश था। इन परिस्थितियों में चंद्रकांत दादा को राज ठाकरे दिक्कतों से बाहर निकलने में मददगार साबित हो सकते हैं।

ये भी पढ़ें – बाप रे… उसकी खोपड़ी से निकला नाग!

दादा विरुद्ध दादा
पुणे में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटील की साख दांव पर है, तो दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजीत पवार लंबे समय से पुणे में विराजमान हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पुणे के अपने गढ़ में पार्टी को पुनर्स्थापित करना चाहती है। इस परिस्थिति में भाजपा के सांसद, विधायक और पुणे मनपा में भाजपा की सत्ता के सामने सबसे बड़ा आह्वान बनकर उभरे हैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत दादा। इस दादा विरुद्ध दादा की राजनीति में मराठी माणुस की मनसे राहत का बाम चंद्रकांत दादा पाटील को दिला सकती है।

राणे की करीबी भी करेगी काम?
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच संबंध सदा से ही सौहार्दपूर्ण रहे हैं। दोनों ही नेता एक दूसरे का सम्मान करते हैं। अब नारायण राणे भाजपा में मजबूत स्थिति में हैं। इस परिस्थिति में भाजपा और मनसे के बीच मनोमिलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

परप्रांतियों के मुद्दे पर मनोमिलन
भाजपा और मनसे में सबसे बड़ा गतिरोध परप्रांतियों का है। मनसे मराठी माणूस के अधिकारों को लेकर आक्रामक रही है, इसके लिए वह किसी भी स्तर पर उतर सकती है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर पैर पसार चुकी भाजपा लंबे समय तक ‘काऊ लैंड’ पार्टी के रूप में पहचानी जाती थी। शुक्रवार की बैठक के बाद चंद्रकात दादा पाटील ने बताया कि परप्रांतियों को नौकरी देने के मुद्दे पर राज ठाकरे का मत है कि वे महाराष्ट्र में भूमि पुत्रों को प्राधान्यता देने के मुद्दे का समर्थन करते हैं। उसी प्रकार उत्तर प्रदेश में वहां के भूमि पुत्रों को नौकरी व्यवसाय में प्राधान्यता देने का भी उतना ही समर्थन करते हैं। उनके इस विचार से भाजपा भी संतुष्ट नजर आई।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.