आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव की मतगणना समाप्त होने के साथ ही भाजपा ने जहां इतिहास रचा वहीं समाजवादी पार्टी का अभेद्य माने जाने वाले पूर्वांचल के किले को भेद दिया है। आजमगढ़ लोकसभा के तीसरे उपचुनाव में भाजपा ने विजय पताका फहरा दिया, जबकि पिछले दो उपचुनाव में अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस और बसपा ने जीत हासिल की थी।
ऐसा रहा है इतिहास
आजमगढ़ लोकसभा में पहला उपचुनाव आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी। जनता पार्टी के राम नरेश यादव ने जीत हासिल की थी। चुनाव के कुछ दिन बाद ही राम नरेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गये। इसके बाद उन्होंने आजमगढ़ संसदीय सीट से त्यागपत्र दे दिया था। वर्ष 1978 में उपचुनाव हुआ। उस समय इंदिरा के सबसे करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव पार्टी साथ छोड़कर कांग्रेस एस में चले गए थे। कांग्रेस की हालत पूरे देश में खराब थी, लेकिन एकाएक इंदिरा गांधी ने बड़ा फैसला किया और मोहसिना किदवई को मैदान में उतार दिया। उस समय कांग्रेस का पूरे देश में विरोध था। इसलिए कोई उम्मीद नहीं कर रहा था कि बाराबंकी से आकर मोहसिना चंद्रजीत यादव और रामवचन यादव जैसे राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ियों को टक्कर दे सकती हैं लेकिन खुद इंदिरा गांधी ने मोर्चा संभाला और वे मैदान में उतरीं और मोहसिना के लिए वोट मांगे। परिणाम रहा कि हारी हुई बाजी पलट गयी। मोहसिना किदवई 1.30 लाख मत हासिल कर सांसद चुनी गयी जबकि जनता पार्टी के रामवचन यादव को मात्र 95 हजार वोट मिले जबकि कांग्रेस एस के पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव को मात्र 17 हजार वोट से संतोष करना पड़ा था।
इसके अलावा आजमगढ़ लोकसभा सीट पर दूसरी बार उपचुनाव 2008 में हुआ था। सांसद रमाकांत यादव की सदस्यता समाप्त होने के कारण यह सीट खाली हुई थी। समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में यहां से बलराम यादव को मैदान में उतारा,जिससे नाराज रमाकांत यादव ने बीजेपी का दामन थामा और टिकट लेकर मैदान में उतरे । वहीं बसपा से अकबर अहमद डंपी चुनावी मैदान में उतरे। वर्ष 2008 के उपचुनाव में अकबर अहमद डंपी ने भाजपा के रमांकात यादव को पटखनी देकर आजमगढ़ सीट पर कब्जा कर लिया। बसपा के अकबर अहमद डंपी को करीब 2.27 लाख तो भाजपा के रमाकांत यादव को करीब 1.73 लाख वोट मिले थे। वहीं सपा के बलराम यादव 1.56 लाख मत पाकर संतोष करना पड़ा।
इस बार था त्रिकोणीय संघर्ष
वहीं इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने उस समय जीत दर्ज की है,जबकि आजमगढ़ की 10 विधानसभा सीट पर सपा का कब्जा है।