केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में हारे हुए पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाकर इसका संकेत दे दिया है। समझा जा रहा है कि 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी इस तरह का बड़ा दांव खेल रही है।
11 दिनों तक चली उधेड़बुन के बाद भाजपा ने उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पुराने मुख्यमंत्रियों को दोबारा सत्ता सौंपने का फैसला किया है । इस फैसले से उत्तरप्रदेश में उपमुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार केशव प्रसाद मौर्य की राह आसान हो गई है । राजनीतिक जानकारों का मानाना है कि भाजपा ने 2024 का महासंग्राम जीतने के लिए अपनी पुरानी परिपाटी को बदल दिया है । उसने सामाजिक समीकरणों को फिट करने के लिए पुराने चेहरों पर ही दांव लगाने का फैसला किया है ।
धामी पर दांव क्यों?
भाजपा चुनाव जीतने के लिए अपने चुनावी प्रबंधन में नित नये प्रयोग करने के लिए जानी जाती है । लेकिन इस बार पार्टी ने उत्तराखंड की खटीमा सीट से हारे हुए प्रत्याशी पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करके सबको चौंका दिया है । वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश में भाजपा चुनाव जीत गई थी । लेकिन मुख्यमंत्री प्रेम सिंह धूमल चुनाव हार गए थे । इसलिए उनको मुख्यमंत्री न बनाकर नये चेहरे जय राम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया था । समझा जा रहा है कि पहाड़ी राज्य में भाजपा द्वारा किया गया यह नया प्रयोग पार्टी में स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया है । भाजपा ने मणिपुर में एन. बीरेन सिंह , गोवा में प्रमोद सांवत और उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को सत्ता सौंपकर उत्तरप्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य की राह आसान कर दी है ।
उत्तरप्रदेश में जातीय समीकरण को साधने की कोशिश
केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव हार गए हैं । लेकिन भाजपा उनकी ताजपोशी उपमुख्यमंत्री के रूप में करने जा रही है । भाजपा दलित चेहरे के रूप में बेबी रानी मौर्य को भी उपमुख्यमंत्री बना सकती है । पिछड़ी जातियों को सत्ता में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के संकेत भाजपा नेतृत्व ने दे दिए हैं । 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उत्तरप्रदेश में भाजपा को सत्ता में लाने का श्रेय केशव प्रसाद मौर्य को जाता है। ऐसे में 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जातीय समीकरणों को भाजपा ने साधना शुरू कर दिया है । उसकी छाप योगी मंत्रिमंडल में पूरी तरह से दिखाई देगी ।