उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के हिंदू धर्म संबंधित विवादित बयान पर भाजपा (B J P) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है । वहीं कांग्रेस (Congress) और सपा ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से खुद को अलग कर लिया है। समाजवादी पार्टी से एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बयान में हिंदू धर्म (Hindu Religion) को धोखा ठहराते हुए ब्राह्मण (Brahmin) विरादरी को विषमता का कारण बताया है।
श्रेष्ठ जीवन जीने की कला का नाम ‘ब्राह्मण’
मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) ने कहा कि हिंदू धर्म में जाति के नाम पर विवाद पैदा करने के लिए सपा का यह एक षड्यंत्र है। सपा नेता को ब्राह्मण और हिंदू धर्म के बारे में ज्ञान नहीं है। दिनेश शर्मा ने श्रेष्ठ जीवन की कला के रूप में ब्राह्मण को परिभाषित करते कहा कि स्वामी प्रसाद को जानना चाहिए कि चाणक्य के रूप में एक ब्राह्मण ही था, जिसने चंद्रगुप्त मौर्य को चक्रवर्ती सम्राट बना दिया।
मौर्य की जीभ काटने वाले को ईनाम की घोषणा
दूसरी तरफ भाजपा की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अंशु अवस्थी (Anshu Awasthi) ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को ऐसी बयानबाजी से बचने की सलाह देते कहा है कि कांग्रेस मौर्य के बयान से इत्तेफाक नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा होने कारण मौर्य को समझना चाहिए कि इस तरह के बयान से किसी का भला नहीं होने वाला। वहीं एक अन्य कांग्रेसी नेता गंगा राम (Ganga Ram) ने स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने वाले को ईनाम देने की बात कही है।
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