मुंबई में करने चले थे बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग, हो गया तीव्र विरोध

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में ब्रिटेन में बसे पाकिस्तानी मूल के लोगों का हाथ है। इसका आरोप ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भी लगाया है। परंतु, भारत में वामपंथी विचारों के लोग इसका हथकंडा बनाकर उपयोग कर रहे हैं।

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मुंबई के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में वामपंथियों का वैचारिक द्वेश पहुंच गया है। वहां के छात्रों में से कुछ ने भारत द्वारा प्रतिबंधित की गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग की घोषणा की थी। जिस पर मुंबई भारतीय जनता पार्टी ने तीव्र विरोध किया था, इसके साथ ही भाजपा युवा मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन भी किया है।

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए गोधरा दंगों पर आधारित है। ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक यह डॉक्यूमेंट्री दो भागों में बनाई जानी है, जिसमें से पहला भाग प्रसारित किया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि, इसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर जो टिप्पणियां की गई हैं, वह अशोभनीय हैं। वहीं नरेंद्र मोदी वर्तमान समय में देश के प्रधानमंत्री हैं और वैश्विक स्तर पर उनकी छवि बहुत बड़ी है।

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इस डॉक्यूमेंट्री की जेएनयू कैम्पस में स्क्रीनिंग करने की घोषणा वामपंथी छात्रों ने की थी। हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसके लिए रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बाद भी एसएफआई की यूनियन की नेता आइशी ने इसे करवाया। इसके बाद यह अन्य कैम्पस में भी वामपंथी यूनियन ने करना चाहा।

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