ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत हो गयी है। 41 मंत्रियों व संसदीय सचिवों के इस्तीफे के बाद बोरिस जॉनसन ने कुर्सी छोड़ने का फैसला किया है। वे इस्तीफा देने से पहले राष्ट्र को संबोधित करेंगे और नए प्रधानमंत्री का चुनाव होने तक पद पर बने रहेंगे।
ब्रिटेन की राजनीति में पिछले तीन दिन बेहद उथल पुथल वाले रहे हैं। सबसे पहले 5 जुलाई को ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक व स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए त्यागपत्र का ऐलान किया था। इसके बाद ब्रिटेन में इस्तीफों की झड़ी सी लग गयी है। अब तक 41 मंत्री व संसदीय सचिव बोरिस जॉनसन के प्रति अविश्वास दर्शाते हुए पद छोड़ चुके हैं। इसके बाद से लगातार प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर भी पद छोड़ने का दबाव बन रहा है।
प्रधानमंत्री जॉनसन के संकट को बढ़ाते हुए उनकी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने 6 जुलाई शाम प्रधानमंत्री निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट जाकर उनसे पद छोड़ने को कहा। सबसे खास बात यह थी कि उनकी कट्टर समर्थक मानी जाती रहीं गृह मंत्री प्रीति पटेल भी इन मंत्रियों में शामिल थीं। मंत्रियों पर दबाव बनाने के लिए जॉनसन सबसे अलग-अलग मिले। इसके बावजूद डेढ़ दर्जन मंत्रियों ने उनसे पद छोड़ने को कहा। उन्होंने अगले चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी की संभावनाएं बेहतर करने के लिए नेतृत्व में बदलाव पर जोर दिया। इन स्थितियों के बाद बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने का फैसला कर लिया है।
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नए नेता का चुनाव होने तक बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुनने की प्रक्रिया अक्टूबर में होने वाले सम्मेलन में पूरी होने की उम्मीद है।
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