अभी तक पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाला समूह ‘ब्रिक्स’ (BRICS)अब बड़ा हो जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग (johannesburg) में आयोजित ब्रिक्स के 15वें शिखर सम्मेलन (Summit) में अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई को ब्रिक्स का स्थायी सदस्य (permanent members) बनाने पर सहमति बन गई, जिसकी घोषणा दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति ने की। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने भी कहा कि ब्रिक्स के विस्तार पर साथी देशों में सहमति बनी है। छह देशों को ब्रिक्स में नए स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। भारत इस कदम का समर्थन करता है।
2001 में हुई थी स्थापना
इस संगठन की यात्रा वर्ष 2001 में शुरू हुई थी, जब ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर ‘ब्रिक’ की स्थापना की थी। इसे तात्कालिक और भविष्य की आर्थिक शक्ति से भरपूर उभरते बाजारों का एक सामूहिक प्रतिनिधित्व करार दिया गया था। वर्ष 2010 में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में दक्षिण अफ्रीका इस गुट में शामिल हो गया, जिससे ब्रिक का नाम बदल कर ‘ब्रिक्स’ हो गया। तब कहा गया था कि ब्रिक्स आर्थिक आशावाद के प्रतीक के रूप में एक संगठन है, जो पारंपरिक संस्थानों के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए एक वैकल्पिक वैश्विक व्यवस्था प्रस्तुत करता है। अब इसे और विस्तार देकर 11 सदस्यों वाला समूह बना दिया गया है।
एक जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी सदस्यता
ब्रिक्स के 15वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने 24 अगस्त को ब्रिक्स में नए सदस्यों के प्रवेश को मंजूरी दिये जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स के विस्तार के पहले चरण में अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई को संगठन की स्थायी सदस्यता देने पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि इनकी सदस्यता एक जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी। ब्रिक्स के सभी पांच मौजूदा सदस्य विस्तार के मापदंडों पर सहमत हुए हैं। पहले चरण की विस्तार प्रक्रिया पूर्ण हुई है और यह आगे भी जारी रहेगी।
यह भी पढ़ें – West Bengal: अभिषेक और शुभेंदु में ट्विटर वार जारी, इस पोस्ट पर बौखलाए ममता के भतीजे
Join Our WhatsApp Community