BRICS currency: विदेश मंत्री (Foreign Minister) डॉ. एस जयशंकर (Dr. S Jaishankar) ने 07 दिसंबर (शनिवार) को कहा कि ब्रिक्स देश (BRICS countries) अमेरिकी डॉलर (US dollar) को कमजोर करने का इरादा नहीं रखते हैं और भारत (India) कभी भी डी-डॉलराइजेशन (De-dollarization) के पक्ष में नहीं रहा है।
उनका यह बयान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल ही में आई उस धमकी के जवाब में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर ब्रिक्स देश साझा मुद्रा की योजना पर आगे बढ़ते हैं तो वे 100 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे।
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ब्रिक्स देशों में आम सहमति नहीं
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले पर ब्रिक्स देशों में आम सहमति नहीं है। उन्होंने कतर में दोहा फोरम में बोलते हुए यह बात कही। वे कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान और नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईडे के साथ एक पैनल में बोल रहे थे। जयशंकर ने कहा, “मुझे ठीक से पता नहीं है कि इसके पीछे क्या कारण था, लेकिन हमने हमेशा कहा है कि भारत कभी भी डी-डॉलराइजेशन के पक्ष में नहीं रहा है। अभी, ब्रिक्स मुद्रा रखने का कोई प्रस्ताव नहीं है।”
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100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री जयशंकर कतर के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर दोहा फोरम में भाग लेने के लिए दोहा में हैं। ट्रंप ने 30 नवंबर को ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर को बदलने के किसी भी कदम के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने भारत, रूस, चीन और ब्राजील सहित नौ सदस्यीय समूह से प्रतिबद्धता की मांग करते हुए सदस्य देशों को इस तरह के प्रयास के लिए 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी।
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ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल के जरिए ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी, जिसके वे मालिक हैं। उन्होंने कहा, “यह विचार कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम खड़े होकर देखते हैं, खत्म हो चुका है।” ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा, “हमें इन देशों से प्रतिबद्धता की आवश्यकता है कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर को बदलने के लिए किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अलविदा कहना पड़ेगा।”
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