Budget 2025: क्या आम आदमी को महंगे इलाज से मिलेगी राहत? जानने के लिए पढ़ें

जून 2024 में सहयोगियों के साथ सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला व्यापक बजट पिछले साल जुलाई में पेश किया गया था।

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Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 (Financial Year 2025-26) के लिए केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश करेंगी। यह उनका आठवां बजट होगा। प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभालने के बाद यह दूसरा बजट भी होगा।

जून 2024 में सहयोगियों के साथ सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला व्यापक बजट पिछले साल जुलाई में पेश किया गया था। हमेशा की तरह इस बार भी सभी क्षेत्रों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। खास तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। जहां आम जनता महंगी चिकित्सा उपचार के बोझ से राहत चाहती है, वहीं अस्पताल और दवा कंपनियां ऐसी पहल की उम्मीद कर रही हैं जिससे उनका राजस्व बढ़ सके।

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स्वास्थ्य क्षेत्र: बेहतर सेवाओं और बजट में वृद्धि की मांग
देश भर के निजी अस्पताल अपनी आय बढ़ाने और इलाज को और अधिक किफायती बनाने के लिए जीएसटी से राहत की मांग कर रहे हैं। गाजियाबाद के यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के सीएमडी डॉ पीएन अरोड़ा ने इलाज की लागत कम करने के लिए भारत में स्वास्थ्य सेवाओं पर इनपुट जीएसटी को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ अरोड़ा ने बीमा प्रीमियम और दावों के बीच महत्वपूर्ण अंतर को भी इंगित किया, जिस पर उनका मानना ​​है कि तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से इस असमानता को दूर करने और आगामी बजट में सुधारात्मक उपायों को लागू करने का आग्रह किया।

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सुधार करने की आवश्यकता
डॉ अरोड़ा ने आगे सुझाव दिया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाना चाहिए और सभी नागरिकों के लिए बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को समर्थन मिलना चाहिए। उन्होंने सीमित सेवाओं वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे छोटे शहरों, कस्बों और जिलों में गुणवत्तापूर्ण और लागत प्रभावी उपचार तक पहुंच सक्षम हो सके। डॉ अरोड़ा का मानना ​​है कि इन पहलुओं पर सरकार के ध्यान से, देश भर में स्वास्थ्य सेवा अधिक न्यायसंगत और सुलभ हो सकती है। उल्लेखनीय है कि 2024-25 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को 90,659 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का 1.9 प्रतिशत है।

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