झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन 14 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पंचायत चुनाव नहीं होने से राज्य सरकार को 700 से 800 करोड़ का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि जिस ट्रिपल टेस्ट के बारे में हमेशा सदन में बात आ रही हैं। उसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ट्रिपल टेस्ट कराए बगैर पंचायत चुनाव नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ऐसा रहता तो ओडिशा, बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र में पंचायत चुनाव नहीं होता। उन्होंने कहा कि झारखंड में 2021 से पंचायत चुनाव लंबित है। विपक्ष इस मामले में दोहरी नीति अपना रहा है। चुनाव भी करने के लिए दवाब बना रहा है और ट्रिपल टेस्ट भी कराने की बात करता है। उन्होंने कहा कि यानी चित भी मेरी पट भी मेरी। उन्होंने कहा कि मुझे तो यह जानकारी मिली है कि विपक्ष मुखिया को सड़क पर उतारने का माहौल बना रहे हैं।
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ट्रिपल टेस्ट पर भविष्य में लेंगे निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में भी पिछड़ी जाति के कई सदस्य हैं। यहां कहां आरक्षण है। ट्रिपल टेस्ट कराने में समय लगेगा और सरकार को धन की भी हानि होगी। उन्होंने कहा कि ट्रिपल टेस्ट पर भविष्य में निर्णय लेंगे। जहां ओबीसी बहुल क्षेत्र है वहां तो ओबीसी चुनकर आएंगे ही। इसलिए सरकार बिना ट्रिपल टेस्ट कराए पंचायत चुनाव कराएगी।
सदन में आजसू विधायक लंबोदर महतो ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल में ट्रिपल टेस्ट कराकर पंचायत चुनाव कराने की मांग मुख्यमंत्री प्रश्न काल में की थी। इसका जवाब मुख्मंत्री ने दिया।
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