Budget 2024-25: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 23 जुलाई को कहा कि आम बजट 2024-25 में केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग को आर्थिक राहत देकर उनके सपनों को नया विस्तार दिया है।
केंद्रीय मंत्री शाह ने बजट का स्वागत करते हुए एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट कर कहा कि बजट 2024-25 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार का देशवासियों की आशा, आकांक्षा व विश्वास पूर्ति के संकल्प का प्रतिबिम्ब है। यह बजट युवाओं व महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ-साथ किसानों के लिए अनेक अवसर उपलब्ध करवाकर विकसित व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
टैक्स नियमों का सरलीकरण
अमित शाह ने कहा कि यह बजट ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और एंटरप्रेन्योरशिप को और बढ़ावा देकर देश के आर्थिक विकास को नई ऊंचाई देने की प्रधानमंत्री मोदी की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, इस बजट में टैक्स नियमों का भी सरलीकरण किया गया है, जिससे करदाताओं को बहुत आसानी होगी।
शाह ने कहा कि टैक्स में छूट हो या उसके नियमों को आसान करना हो, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत मध्यम वर्गीय परिवारों को आवास देना हो या कैंसर के मरीजों को दवाओं में राहत देने का निर्णय हो; यह बजट मध्यम वर्ग के जीवन को और भी आसान बनाने वाला है।
कृषि उत्पादकता को बढ़ावा
शाह ने कहा कि किसान कल्याण हमेशा से मोदी सरकार की योजनाओं व नीतियों के केंद्र में रहा है। आज बजट में कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये की घोषणा कृषि क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध होने वाली है।
कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान
शाह ने कहा कि बजट में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सर्टिफाई करने, 10 हजार बायो-इनपुट सेंटर्स की स्थापना, कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, 400 जिलों में खरीफ फसलों का क्रॉप सर्वे और तिलहनों के लिए एक कार्यनीति का निर्माण जैसे निर्णयों से कृषि क्षेत्र तेजी से आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
ग्रामीण अर्थतंत्र को मजबूत बनाने का काम
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सहकारी क्षेत्र को निरंतर विस्तार देकर ग्रामीण अर्थतंत्र को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। बजट में ‘राष्ट्रीय सहकारी नीति’ के निर्माण की घोषणा, देश में सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर इसकी पहुंच को मजबूत करने का काम करेगी। साथ ही, मत्स्य सहकारिता को झींगा की खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा से नई गति मिलेगी।