केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने न्यूज एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (Asian News International) को दिए इंटरव्यू (Interview) में सिटिजनशिप अमेंटमेंड एक्ट (Citizenship Amendment Act) पर अपना रुख साफ किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा (Political Issue) नहीं है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए यह फैसला लिया गया है। विरोधियों (Opponents) के पास कोई काम नहीं है इसलिए वे संदेह जताते रहते हैं। कांग्रेस जो कहती है वो करती नहीं। भाजपा जो कहती है वो करती है। शाह ने कहा, मोदी जो कहते हैं वह काले पत्थर पर लकीर है।
मैं 4 साल में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि सीएए लागू होगा और चुनाव से पहले होगा। देश में अल्पसंख्यकों या अन्य लोगों से डरने का कोई कारण नहीं है। क्योंकि, सीएए में लोगों की नागरिकता नहीं जाएगी। हम तीन देशों में छह धर्मों के लोगों को न्याय देने के लिए काम कर रहे हैं। पहले ही कहा गया था कि सीएए लागू किया जाएगा। शाह ने कहा, केवल विरोध के लिए इसका विरोध किया जा रहा है।
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— ANI (@ANI) March 14, 2024
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इंडी गठबंधन कभी सत्ता में नहीं आएगा: अमित शाह
इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि विपक्षी नेता कह रहे हैं कि अगर 2024 में इंडी गठबंधन की सरकार बनी तो वे सीएए वापस ले लेंगे। इस पर अमित शाह ने कहा, ‘वे जानते हैं कि इंडी गठबंधन सत्ता में नहीं आएगा। सीएए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार लेकर आई है।
हम विभाजन के खिलाफ थे। हम धर्म के नाम पर बंटवारा स्वीकार नहीं करते। विभाजन के समय लाखों लोग भारत आये। कुछ लोग वहीं रुके रहे। उस समय कांग्रेस ने अपने कई मंचों से लोगों को आश्वासन दिया था कि अभी हिंसा जारी है, आप जहां हैं वहीं रहें। इसके बाद कहा गया कि आपको देश की नागरिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा, लेकिन कांग्रेस ने अपना वादा पूरा नहीं किया।
मुसलमानों को शामिल क्यों नहीं?
पाकिस्तान आज भारत का हिस्सा सिर्फ इसलिए नहीं है कि मुसलमानों का एक अलग देश हो। अगर देखा जाए तो क्या दुनिया में जिन लोगों के लिए अराजकता का माहौल है, क्या हमें उन सभी लोगों के लिए भारत के दरवाजे खोल देने चाहिए? तो क्या भारत रहेगा? जो अखंड भारत का हिस्सा थे और धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए। शाह ने कहा, मेरा मानना है कि उन्हें न्याय देना एक नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है।
हिंदुओं का हुआ धर्म परिवर्तन
बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे। अब यह 3.7 फीसदी है। इतने सारे लोग कहां गए? इतने लोग भारत नहीं आये। इन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया। उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे का नागरिक बनाया गया। ये लोग कहां जाएंगे? शाह ने कहा, हमें इस बारे में सोचना होगा।
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