Politics: पंजाब में कांग्रेस नेता एवं पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के “50 हैंड ग्रेनेड” वाले बयान को लेकर चंडीगढ़ से दिल्ली तक सियासत गरमा गई है। इस बयान को लेकर जहां मोहाली साइबर क्राइम थाने में बाजवा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है वहीं दिल्ली में पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस को इस तरीके से चुप नहीं कराया जा सकता है। सरकार की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने कल चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने 14 अप्रैल को यहांं कहा कि प्रताप सिंह बाजवा की राज्य में खराब कानून व्यवस्था से जुड़ी चेतावनी को गंभीरता से लेने की बजाय सूबे के मुख्यमंत्री ने उन पर आतंकी समूहों से सम्बन्ध होने का आरोप मढ़ दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि आतंकवाद के कारण बाजवा ने अपने परिजनों को खोया है।
जयराम रमेश ने कहा कि कल एक टेलीविज़न इंटरव्यू में प्रताप सिंह बाजवा ने खुलासा किया था कि राज्य में 50 हैंड ग्रेनेड तस्करी कर लाए गए हैं। उनका यह बयान मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई खबरों पर आधारित था और यह पिछले छह महीनों में पंजाब में लगभग 16 ग्रेनेड विस्फोटों के मद्देनजर आया था। दरअसल, बाजवा का बयान ऐसे समय पर आया, जब जालंधर में भारतीय जनता पार्टी नेता मनोरंजन कालिया के घर पर ग्रेनेड हमला हुआ था।
गौरतलब है कि इस मामले में बाजवा के आवास पर एक काउंटर इंटेलिजेंस की टीम भेजी गई और अब उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता-2023 की धाराओं- 197(1)(डी) और 353(2) के तहत मोहाली साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया है। जयराम रमेश ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि पंजाब के मुख्यमंत्री असुरक्षा और अक्षमता का प्रतीक बन चुके हैं। भ्रष्ट आम आदमी पार्टी का नेतृत्व घबराया हुआ है। इस वजह से मुख्यमंत्री डराने-धमकाने, बदनाम करने और धमकियों का सहारा ले रहे हैं लेकिन इससे कुछ भी असर नहीं पड़ने वाला है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाजवा के “50 हैंड ग्रेनेड” वाले बयान पर पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर बाजवा ने इस जानकारी का स्रोत नहीं बताया तो कानूनी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि अगर बाजवा के पास कोई जानकारी थी तो उन्होंने सरकार को क्यों नहीं बताया? उन्होंने बाजवा पर पाकिस्तान में सक्रिय पंजाब विरोधी ताकतों से संबंध रखने का भी आरोप लगाया।
उधर, बाजवा ने अपने बयान से पीछे हटने से इनकार करते हुए कहा है कि मैं संवैधानिक पद पर हूं, स्रोत कहीं का भी हो सकता है। 1990 में मुझ पर बम अटैक हुआ था, अब भी मैं निशाने पर हूं। मैं अपने बयान पर कायम हूं। मुख्यमंत्री चाहे केस करें, मैं पूरा सहयोग दूंगा, लेकिन स्रोत नहीं बताऊंगा।
जयराम रमेश ने कहा कि पंजाब में शासन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को चुप नहीं कराया जा सकता। कांग्रेस राज्य में जनता की आवाज मजबूती से उठाती रहेगी।
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