महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को सीबीआई ने समन जारी किया है। देशमुख को 14 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय बुलाया गया है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोप के बारे में पूछताछ के लिए देशमुख को सीबीआई ने ये समन जारी किया है। सिंह ने देशमुख पर पुलिस को 100 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली का टारगेट देने का गंभीर आरोप लगाया है।
इस मामले में सीबीआई ने अब तक 6 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह, उनकी वकील जयश्री पाटील, सहायक पुलिस आयुक्त संजय पाटील, सचिन वाझे और पूर्व गृह मंत्री के निजी सहायक कुंदन शिंदे और पलांडे शामिल हैं।
CBI has summoned former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh on 14th April, in connection with alleged corruption case: CBI official pic.twitter.com/aVKjBOMZAx
— ANI (@ANI) April 12, 2021
एक्शन में सीबीआई
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोप के बारे में पूछताछ के लिए उनको सीबीआई ने समन जारी किया है। उन्हें 14 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय में उपलब्ध रहने को कहा गया है। सिंह ने देशमुख पर पुलिस को 100 करोड़ रुपए हफ्ता वसूली का टारगेट देने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर देशमुख की याचिका को खारिज करते हुए न्यायालय ने सीबीआई जांच को हरी झंडी दे दी थी। उसके बाद सीबीआई एक्शन में आ गई है।
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अब तक छह लोगों के बयान दर्ज
इस मामले में सीबीआई ने अब तक 6 लोगों के बयान किए हैं, जिनमें परमबीर सिंह, वकील जयश्री पाटील, एसीपी संजय पाटील, सचिन वाझे और पूर्व गृह मंत्री के निजी सहायक कुंदन शिंदे और पलांडे शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार इस पूछताछ में केंद्रीय एजेंसी को परमबीर सिंह ने बताया था कि पालांडे ने ही संजय पाटील और डीसीपी राजू पाटील को 100 करोड़ रुपए वसूल करने के लिए कहा था। इसमें मुंबई के प्रत्येक बार से 2 से 3 लाख रुपए की अपेक्षा गृह मंत्री अनिल देशमुख की है, ऐसा इन अधिकारियों को पालांडे ने कहा था।
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बार वाले पर टेढ़ी नजर
पूर्व गृह मंत्री पर लगे 100 करोड़ की वसूली के आदेश वाले आरोप में बोरीवली का एक बार मालिक भी जांच एजेंसियों के निशाने पर है। इससे सीबीआई पूछताछ कर सकती है। इस बार मालिक का नाम उस समय इस प्रकरण से जुड़ा था, जब गिरगांव के एक बीयर बार पर एनआईए ने छापा मारा था। इस कार्रवाई में एजेंसी को एक डायरी मिली थी। इस डायरी में बहुत सारे आंकड़े लिखे गए थे। इसमें एक नाम बोरीवली के बार मालिक का भी था।
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