पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात यास से हुए नुकसान का सर्वेक्षण करने गए। इसके दौरान कलाइकुंडा में एक बैठक भी आयोजित की गई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर अपनी राजनीतिक चाल चलते हुए कन्नी काट ली और उनके पीछे मुख्य सचिव भी हो लिये। माना जा रहा है कि इसकी भरपाई में अब मुख्य सचिव को केंद्रीय सेवा में बुला लिया गया है।
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कलाइकुंडा में भेंट की थी जबकि उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य को चक्रवात से पहुंची क्षति के विषय में बैठक लेनेवाले थे। इस बैठक में राज्यपाल जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को मौजूद रहना था।
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पीएम आधे घंटे तक इंतजार करते रहे
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल, नेता विपक्ष आधे घंटे तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंतजार करते रहे। इसमें न तो मुख्यमंत्री पहुंची और न ही मुख्य सचिव पहुंचे। यह राजशिष्टाचार की खुलेआम अवहेलना थी। मुख्यमंत्री के न पहुंचने के बाद भी राज्य के मुख्य सचिव को प्रधानमंत्री की बैठक में उपस्थित रहना आवश्यक था।
मुख्य सचिव को केंद्रीय सेवा में बुलाया
28 मई की घटना के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को केंद्रीय सेवा में बुला लिया गया है। इस विषय पर नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि मुख्य सचिव का स्थानांतरण उचित है। वे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के रूप में प्रोटोकॉल तोड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने ऐसा अपनी इच्छा से नहीं किया होगा बल्कि उन्हें मजबूर किया गया होगा।
ममता की माफी का सुवेंदु ने दिया उत्तर
ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव के स्थानांतरण के बाद मीडिया के समक्ष माफी मांगती दिखी, जिसमें वे प्रधानमंत्री से मीडिया के जरिये अपील कर रही हैं कि वे उनके पैर छूने को तैयार हैं लेकिन मुख्य सचिव का स्थानांतरण रोक दिया जाए। इसके पहले ममता बनर्जी ने सुवेंदु अधिकारी के नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर अपमानजनक बयान दिया था। जिसका सुवेंदु अधिकारी ने भी उन्हीं की भाषा में ही उत्तर दिया।
On previous occasions, PM @narendramodi has reviewed floods, cyclone situations with different CMs who belonged to non-NDA parties. None of these CMs behaved the way Mamata Didi behaved today. There is a time for politics and a time for governance. Didi can’t comprehend that. pic.twitter.com/ZGUSxRdEiH
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) May 28, 2021
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी ने एक विधायक का अपमान किया है। एक गैर विधायक मुख्यमंत्री को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। ममता बनर्जी ने परंपरा को तोड़ा है।
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केंद्र सरकार ने दिया थी सेवा विस्तार
मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को 24 मई 2021 को केंद्र सरकार ने सेवा विस्तार दिया था। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सचिवालय से तीन महीने सेवा विस्तार के लिए पत्र भेजा गया था। जिसे मान्यता मिल गई।