Ultimatum: रेलवे परियोजनाएं लागू करें या ….! केंद्र के इस अल्टीमेटम से मेघालय सरकार में घबराहट

केंद्र सरकार ने मेघालय में दो प्रमुख रेलवे परियोजनाएं प्रस्तावित की थीं। जिनमें, 22 किलोमीटर लंबी तेतेलिया-बर्नीहाट लाइन और 108 किलोमीटर लंबी बर्नीहाट-शिलांग लाइन। लेकिन, ये परियोजनाएं स्थानीय समूहों के विरोध के कारण रुकी हुई हैं। अब इस मामले में राज्य सरकार की परेशानी बढ़ती दिख रही है।

32

Ultimatum: मेघालय में रेलवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर अनिश्चितता के बीच केंद्र ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि या तो प्रस्तावित योजनाओं को आगे बढ़ाए या भूमि अधिग्रहण के लिए आवंटित 200 करोड़ रुपये वापस करे। मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने 23 जनवरी को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री से मुलाकात की और बर्नीहाट व शिलांग में रुकी हुई रेलवे परियोजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों के लिए जनता और हितधारकों को शामिल करना आवश्यक है। इसमें समय व सहमति की जरूरत होती है।

अगले कुछ महीनों में इस मुद्दे पर फॉलोअप
संगमा ने कहा कि रेल मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे अगले कुछ महीनों में इस मुद्दे पर फॉलोअप करेंगे। यदि तब तक कोई समाधान नहीं निकला, तो राज्य को 200 करोड़ रुपये वापस करना होगा।

केंद्र सरकार ने मेघालय में दो प्रमुख रेलवे परियोजनाएं प्रस्तावित की थीं। जिनमें, 22 किलोमीटर लंबी तेतेलिया-बर्नीहाट लाइन और 108 किलोमीटर लंबी बर्नीहाट-शिलांग लाइन। लेकिन, ये परियोजनाएं स्थानीय समूहों के विरोध के कारण रुकी हुई हैं, जो बाहरी लोगों के आगमन और राज्य की जनसांख्यिकी व सांस्कृतिक संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।

राज्य सरकार पर बढ़ा दबाव
केंद्र की ओर से दिए गए इस नए अल्टीमेटम ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह इस मुद्दे को सुलझाए या आवंटित धनराशि खोने का जोखिम उठाए।

मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि स्थानीय समुदायों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। उन्होंने राज्य के विकास के लिए बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी के संभावित लाभों पर भी जोर दिया।

Trump Administration: ट्रम्प ने सीन करन को बनाया अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का निदेशक, जानें कौन हैं वो

आने वाले महीने महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि राज्य सरकार हितधारकों की चिंताओं को हल करने और रेलवे परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए रास्ता खोजने की कोशिश करेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मेघालय को इस पहल के लिए निर्धारित 200 करोड़ रुपये गंवाने पड़ सकते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.