झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) विधायक दल (Legislative Party) के नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) ने शुक्रवार (2 फरवरी) को झारखंड के मुख्यमंत्री पद (Chief Minister’s Post) की शपथ (Oath) ली। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के आलमगीर आलम और राजद (RJD) के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (Governor CP Radhakrishnan) ने गुरुवार को चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री नियुक्त किया।
इससे पहले चंपई सोरेन ने शिबू सोरेन से मुलाकात की। इसके बाद चंपई ने कहा कि गुरुजी हमारे आदर्श हैं, शपथ लेने से पहले हम गुरुजी और माताजी (रूपी सोरेन) से आशीर्वाद लेने आए थे। मैं झारखंड आंदोलन से जुड़ा था और मैं उनका शिष्य हूं।
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राज्य में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी
झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। यह स्थिति बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था।
हमारा गठबंधन मजबूत है, इसे कोई तोड़ नहीं सकता: चंपई सोरेन
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन को अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी है। इससे पहले चंपई सोरेन ने कहा था कि हम एकजुट हैं। हमारा गठबंधन मजबूत है, इसे कोई तोड़ नहीं सकता।
गठबंधन के विधायक हैदराबाद जाएंगे
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण के बाद अब जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार, ज्यादातर विधायक बस से एयरपोर्ट पहुंचे हैं। चंपई सोरेन 5 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। उसी दिन हैदराबाद से विधायकों को बुलाया जा सकता है। बस में हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन भी मौजूद हैं।
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